ICMR का दावा सोशल डिस्टेंसिंग से भारत में आ सकता है ये बदलाव!

भारत में कोरोना के कहर बढ़ने से WHO ( विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने पहले ही ये ऐलान कर दिया था कि इस बीमारी को सिर्फ एक तरीकसे ही हराया जा सकता है और वो है सोशल डिस्टेंसिंग, इसी के कारण भारत में भी 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है और अगर हम एक्सपर्ट की माने तो यही एक अच्छा तरीका है कोरोना जैसी महामारी को रोकने का।


हाल ही में ICMR ( इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने अपने एक अध्ययन में ये अनुमान लगाया कि इंडिया में इस महामारी में कमी पाई जा सकती है अगर लोग इसी तरह सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और इससे भारत में कोरोना के मामलों में 62 प्रतिशत कमी आ सकती है।

इस महामारी में उन सभी लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं जिन्में कोरोना के लक्ष्ण दिखाई देते है क्योकि लोग जितना एक दूसरे से कम मिलेंगे उतना ही इस वायरस की चेन तोड़ने में आसानी होगी।
ICMR का अध्ययन कहता है कि, ' सख्ती से लागू की गई सोशल डिस्टेंसिंग से उन लोगों में , जिसमें ये लक्षण पाए गए हैं या जो इन लक्ष्णों को महसूस करते हैं इस तरह के मामलों को सोशल डिस्टेंसिंग 62 प्रतिशत तक कम कर देगी,'।
ICMR ने इस स्टडी को दो सिनेरियो के आधार पर किया था, उनके ये दो सिनेरियो ऑप्टिमिस्टिक और पैसीमिस्टिक सिनेरियो है।
सोशल डिस्टेंसिंग का ये कदम काफी सहायक है, लोगों को भी इस मामले को नजरअंदाज नही करना चाहिए बल्कि खुद के लिए व अपने परिवार के लिए घर पर ही रहना चाहिए क्योकि अगर हम जिंदा रहे तो दुनिया के हर काम कर पाएगे।

अन्य समाचार