कहीं कोरोना का वाहक न बन जाए ईंट-भट्ठों पर एक साथ रह रहे बड़ी संख्या में मजदूर

मोतिहारी। चैलाहां स्थित एक ईंट उद्योग में हम पहुंचे हैं। सड़कें सूनी हैं। मगर इस चिमनी पर मजदूरों की भीड़ जमी है। यहां न तो प्रधानमंत्री की अपील का कोई असर दिख रहा है और नहीं सरकार के लॉकडॉउन की हनक इनतक पहुंच पाई है। लिहाजा, यहां मजदूर अनवरत काम कर रहे हैं और भीड़ का हिस्सा बने हुए हैं। न उनके पास मास्क है न सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था। ऐसे में वे कब कोरोना के वाहक बन जाए कहना मुश्किल हैं। अव्वल तो यह कि यहां काम कर रहे लोगों के बीच कोरोना को लेकर कोई जागरुकता तक नहीं दिखती है। ऐसे में उनकी सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठ खड़ा होता है। यहां ईंट बनाते मिले कुछ मजदूर चिमनी के मयान में कोयला भरते मिले। मजदूर मदन महतो, भुआली राम आदि ने पूछने पर बताया कि कोई बीमारी चली है। हम लोग चिमनी में आकर ईट बनाने के काम में जुटे हैं। लॉकडाउन के संबंध में मजदूरों ने बताया कि उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं है। चिमनी पर आए तो प्रबंधक ने कहा ईंट बनाओ सो बनाने में जुट गए। इस बीच चिमनी के मयान में कोयला भर रहे मजदूर चनरमन ने बताया कि अभी चिमनी शुरू हुई है। मयान में ईंट भरे हुए हैं। उसे पकाने के लिए आग भी लगाई जा चुकी है। इस कारण मयान में कोयला डाला जा रहा है। ताकि सभी ईट बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। कोरोना वायरस से देश के नागरिकों को सुरक्षित रखने के सरकार रोज नए-नए कदम उठा रही है। पहले जनता क‌र्फ्यू और अब लॉकडाउन हो गया है। बावजूद इसके जिले में दर्जनों ईंट-भट्ठों का संचालन जारी है। चिमनी संचालक द्वारा बाहरी व स्थानीय मजदूरों से काम लिया जा रहा हैं। एक ओर प्रधानमंत्री 14 अप्रैल तक घरों से नहीं निकलने के लिए लक्ष्मण रेखा खींच रहे हैं, वहीं इन मजदूरों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। वर्जन

कोरोना वायरस की सूचना फैलने के कारण मजदूरों के आने की संख्या कम हो गई है। पहले प्रतिदिन सौ मजदूर आते थे। जो मिट्टी ईट बनाने के लिए तैयार कर ली गई थी, उसे खपाने के लिए मजदूरों को बुलाया गया है। वहीं, चिमनी चालू होने के कारण उसमें कोयला भरा जा रहा है, ताकि ईट तैयार हो सके। इसके बाद चिमनी को बंद कर दिया जाएगा।
नवल प्रसाद
चिमनी प्रबंधक, अश्विनी ईट उद्योग
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वर्जन
इस प्रकार की शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा कुछ है तो चिमनियों की जांच कराकर वहां काम करने वालों को घर में भेजा जाएगा। चिमनी मालिकों से उसके रहने की व्यवस्था कराई जाएगी।
अखिलेश कुमार सिंह
उप विकास आयुक्त, पूर्वी चंपारण

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