कोरोना के लिए निरर्थक नहीं, इनके हर शब्द अर्थवान

समस्तीपुर । लॉकडाउन में भी जनकल्याण के जज्बे से लबरेज। समझते खुद की जिम्मेदारी। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हुए दे रहे सफाई के टिप्स। एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी, चेहरे पर मास्क और हाथ में दास्ताने, लेकिन संदेश साफ है। कोरोना को हराना है। देश से भगाना है..।

विभूतिपुर प्रखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के ये युवक गांव की गलियों में पैदल चलकर लोगों के घरों तक पहुंचते हैं। साफ-सफाई के टिप्स और इसके फायदे गिनाते। लॉकडाउन का मतलब समझाते। कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से अवगत कराते।
विदेश से लौटे लोगों को जांच कराने की देते सलाह : डीह टभका में रंधीर कुमार राय और विशाल कुमार राय की टीम है। ये कभी ग्रुप में नहीं रहते। सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाया है। उसी पर पूरी बात होती। गांव में दो युवा ही निकलते। लोगों को जागरूक करते हुए आपसी सहयोग से डेटॉल साबुन और सैनिटाइजर मुफ्त उपलब्ध कराते। दिन में पांच से सात बार अच्छी तरह हाथ धोने और सैनिटाइज करने के तरीके बताते। मास्क पहनने को प्रेरित करते। ये विदेश या किसी दूसरे राज्य से गांव लौटने वाले लोगों पर नजर रखते। इस अभियान में जुटे युवा कहते हैं कि प्रखंड क्षेत्र में अब तक 50 से अधिक लोगों को चिह्नित किया गया है। ये सभी दुबई, कतर व भूटान के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से आए हैं। इन सभी की सदर अस्पताल में जाच कराई जा चुकी है। रिपोर्ट निगेटिव रही।
मुफ्त में बांटते डेटॉल साबुन और मास्क : पतैलिया में नीतेश कुमार और श्रवण कुमार की टीम है। गांव-गांव घूमकर लोगों की समस्याओं को खंगाल रहे। यदि किसी के घर में कोई असमर्थ है तो ये सामान खरीदकर पहुंचा रहे हैं। नरहन में राघवेंद्र कुमार और राकेश कुमार उर्फ राधे-राधे की टीम लोगों को मुफ्त डेटॉल साबुन, मास्क बांटती।
अफवाहों से बचने की दे रहे सलाह : मुस्तफापुर में दीपक कौशल और सुनील पोद्दार लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील कर रहे। सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की बातें साझा करते। नरहन बाजार में गुंजन मिश्रा और निरमा राय जागरूकता फैलाने में जुटे हैं। कहते हैं कि परिवार या टोला-मोहल्ले में कोई बाहर से आए तो पहले उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें। उन्हें अलग कमरे रखें। संक्रमण चक्र को तोड़ें। खांसी हो तो मुंह पर कपड़ा, रूमाल या गमछा रखें।
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वर्जन
-'युवाओं की यह पहल सकारात्मक और सार्थक है। इसमें लॉकडाउन और संक्रमण चक्र का ध्यान रखना जरूरी है। युवाओं की पहल से किसी तरह की अप्रिय बात से बचा जा सकेगा।'
-फुलेश्वर प्रसाद सिंह, सीएचसी प्रभारी, विभूतिपुर
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