शिवराज सरकार किसानों को दे साढ़े 7 हजार रुपये की अंतरिम राहत : कमलनाथ

भोपाल, 26 मार्च । कोरोनावायरस की महामारी से हर वर्ग अपने को मुसीबतों से घिरा हुआ पा रहा है। मध्य प्रदेश के किसानों पर भी 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से इसका असर पड़ रहा है।

इसी के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर किसानों की साढ़े सात हजार रुपये की दो माह तक अंतरिम राहत देने की मांग की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, लॉकडाउन के कारण आमजन के समक्ष विषम स्थिति निर्मित हो रही हैं, इसका असर प्रदेश के किसान भाइयों पर भी पड़ रहा है। यह कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान में रबी फसल की कटाई एवं विक्रय का समय प्रारंभ हो चुका है।
उन्होंने कहा, अनेक फसलें जैसे गेहूं, मटर, धनिया, सरसों, चना आदि कटने की स्थिति में आ चुके हैं, परंतु लॉकडाउन से किसानों की फसल की कटाई नहीं हो पा रही है एवं फसल खराब होने की संभावना बन गई है, साथ ही किसान भाई, जिन्होंने स्वयं ही फसल की कटाई कर ली है उनके समक्ष फसल भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सब्जी और फल उत्पादक किसानों की समस्या का भी जिक्र करते हुए कहा, लॉकडाउन के कारण परिवहन एवं वितरण की व्यवस्था नहीं होने से सब्जियां सड़ने की स्थिति में पहुंच गई हैं। सभी प्रकार के फल जैसे संतरा को समय पर नहीं तोड़ा गया तो, वह भी खराब हो जाएगा और फल को तोड़ने पर परिवहन एवं विक्रय के अभाव में एक निश्चित समय बाद फसल सड़ जाएगी। इसके अलावा असमय वर्षा के कारण स्थिति और भी चिंतनीय हो रही है।
उन्होंने आगे कहा है कि, प्रदेश में किसानों को राहत देने के लिए यह जरूरी है कि प्रदेश सरकार द्वारा फसलों, सब्जियों, फलों की कटाई, तुड़ाई, भंडारण परिवहन एवं विक्रय के लिए आवश्यक किसान हितैशी फैसले लिए जाएं, परंतु खेद का विषय है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह किया है कि, फसलों की कटाई, भंडारण परिवहन और विक्रय के लिए अविलंब व्यवस्था सुनिश्चित करें, साथ ही इन विषम परिस्थितियों में किसानों को राहत देने के लिए अंतरिम राहत पैकेज घोषित करें।
उनकी मांग है कि, अंतरिम राहत के रूप में प्रत्येक किसान को साढे सात हजार रुपए प्रतिमाह की राशि आगामी दो माह तक के लिए तत्काल स्वीकृत कर वितरित की जाए, ताकि प्रदेश के किसान कुछ राहत महसूस कर सकें।
-आईएएनएस

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