#LadengeCoronaSe: सबसे बड़ी आफत में 1.70 लाख करोड़ से मिलेगी राहत, पैकेज का एलान

सार कोरोना महामारी के चलते गंभीर संकट से जूझ रहे देश को केंद्र सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया है। तीन हफ्ते के लॉकडाउन के कारण गंभीर संकट का सामना करने वाले वर्ग गरीब, मजदूर, किसान, महिला और छोटे कर्मचारियों को राहत देने के लिए इस योजना को दो हिस्सों में बांटा गया है।

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सरकार की पहली कोशिश देश के हर नागरिक का पेट भरना है। लोगों की अन्य जरूरतों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत खाते में पैसे भेजे जाएंगे। वहीं, दवाओं की किल्लत झेल रहे लोगों की परेशानी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने दवाइयां सीधे घरों तक पहुंचाने का भी फैसला किया है। राहत पैकेज की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारा मकसद अन्न-धन और गैस की चिंता खत्म कर सर्वाधिक परेशानियों का सामना कर रहे वर्ग को राहत देने की है। सरकार इस संकट की घड़ी में किसी को भूखा नहीं रहने देगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, सरकार के इस एलान का मकसद है कि कोई थाली खाली नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को दो हिस्सों में बांट कर राहत की रणनीति तैयार की गई है। इस योजना में 80 करोड़ गरीब लोगों को सीधा लाभ देने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा कोरोना की लड़ाई में साथ दे रहे 20 लाख डॉक्टरों, आशा वर्कर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टॉफ का खास ख्याल रखेगी। गौरतलब है कि बुधवार को ही सरकार ने 80 करोड़ लोगों को सस्ते दर पर गेहूं-चावल देने और भाजपा ने अपने एक करोड़ कार्यकर्ताओं के जरिए प्रतिदिन 5 करोड़ लोगों को भोजन मुहैया कराने की घोषणा की थी।
कर्मवीर : डॉक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ का 50 लाख का बीमा

कोरोना के संक्रमण से लड़ रहे डॉक्टरों, पैरा मेडिकलकर्मियों, चिकित्सा सेवाकर्मियों को 50 लाख रुपये प्रति परिवार बीमा कवर मिलेगा। इनमें आशा वर्कर्स, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं। इसके लाभ 20 लाख मेडिकल कर्मचारियों को मिलेगा। कर्मचारी : नियोक्ता-कर्मचारी दोनों का 24 फीसदी हिस्सा सरकार देगी पीएफ स्कीम रेगुलेशन में बदलाव कर नॉन रिफंडेबल एडवांस 75 फीसदी जमा रकम या तीन माह का वेतन निकालने की सुविधा मिलेगी। संगठित क्षेत्र के मजदूरों और ऐसे संस्थान जहां 100 से कम कर्मचारी हैं या 90 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी 15,000 रुपये प्रतिमाह से कम है, उनके ईपीएफ का कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का 12-12 फीसदी अंशदान अगले तीन माह सरकार देगी। इसके दायरे में 80 लाख कर्मचारी और 4 लाख प्रतिष्ठान आएंगे। अन्नदाता : अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपये की किस्त
8.69 करोड़ किसानों के खाते में अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रुपये डाले जाएंगे, ताकि तुरंत फायदा मिलना शुरू हो जाए। यह किसान सम्मान निधि योजना के तहत दिया जाएगा। मजदूर : दिहाड़ी 182 की जगह 202 रुपये मनरेगा दिहाड़ी अब 182 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है। इससे देश में मनरेगा योजना का लाभ पांच करोड़ परिवारों को मिलेगा। जनधन : 20 करोड़ महिलाओं को हर माह 500 रुपये जनधन योजना वाली करीब 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले 3 महीने तक हर महीने 500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। गरीब : तीन माह तक 5 किलो चावल-गेहूं, एक किलो दाल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों को तीन महीने तक पांच किलो चावल/गेहूं और एक किलो दाल मुफ्त मिलेगी। उज्ज्वला : तीन माह तक रसोई गैस मुफ्त
उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को अगले तीन महीने तक मुफ्त तीन गैस सिलेंडर मिलेंगे। इससे 8.3 करोड़ बीपीएल परिवारों को फायदा। स्वयं सहायता समूह : 20 लाख तक लोन महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दीनदयाल योजना के तहत 20 लाख तक का लोन मिलेगा, पहले यह राशि 10 लाख थी। यह राशि बिना ब्याज के दी जाएगी। बुजुर्ग-दिव्यांग : तीन माह अतिरिक्त 1000 रुपये दो किस्तों में वरिष्ठ नागरिक, विधवा और दिव्यांगजनों को अतिरिक्त 1000 रुपये तीन महीने में दो किश्तों में मिलेगी। तीन करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को फायदा मिलेगा। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से सीधे खाते में जाएगी। निर्माण मजदूर : 31 हजार करोड़ के फंड का इस्तेमाल निर्माण क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण कोष में जमा 31 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल 3.5 करोड़ पंजीकृत मजदूरों के लिए होगा। उद्योग जगत के लिए एक और पैकेज?
सरकार के वर्तमान राहत पैकेज में उद्योग जगह के लिए कुछ भी नहीं है। राहत पैकेज में उस वर्ग के लिए राहत के दरवाजे खोले गए हैं जो कोरोना से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से तात्कालिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे। इसलिए इस पैकेज में गांव, किसान, गरीब, मजदूर, छोटे कर्मचारियों और स्वयं सहायता समूहों के हितों की बात की गई है। सूत्रों का कहना है कि सरकार संभवत: अब उन उद्योगों को राहत देने की दिशा में आगे बढ़ेगी जिसकी कमर इस महामारी ने तोड़ दे दी है। इन्हें राहत देने के लिए सरकार बड़ी रियायत या फिर एक और पैकेज की घोषणा जल्द कर सकती है।

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