जल्द खत्म होगा Corona Virus का कहर, नोबेल विजेता का दावा!

दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं। कुछ डॉक्टर्स व वैज्ञाानिकों का कहना है कि गर्मी का मौसम आने पर वायरस काफी हद तक खत्म हो सकता है। वहीं इसी बीच एक वैज्ञानिक ने ऐसा दावा किया है कि कोरोना वायरस की त्रासदी जल्द खत्म हो वाली है। दरअसल, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित व स्टैनफोर्ड बायोफिजिसिस्ट माइकल लेविट ने कहा कि कोरोना वायरस दुनिया का सबसे बुरा दौर है लेकिन इससे जितना बुरा होना था हो चुका। अब धीरे-धीरे हालात में सुधार होगा।

कोरोना से जितना बुरा होना था हो चुकाः लेविट
लेविट ने कहा, कोरोना को लेकर हर तरफ भय व परेशानी का माहौल है लेकिन असली स्थिति उतनी डरावनी नहीं है जितनी आशंकाएं जताई जा रही है। उनके द्वारा दिया गया बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि चीन में उभरने वाले कोरोना को लेकर भविष्यवाणी सच साबित हुई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस पर काबू पाने में चीन को लंबा वक्त लग जाएगा लेकिन इस मामले में लेविट का अंदाजा बिल्कुल सही गया है। वहीं लेविट का ये बयान काफी सुकून देने वाला है

जल्द कंट्रोल हो जाएगी महामारी
लेविट ने लिखा कि हर दिन कोरोना के मामले बढ़ने के साथ गिर भी रहे हैं। ऐसे में यह साबित होता है कि कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की दर में काफी कमी आई है। ऐसे में कोरोना जल्द खत्म हो जाएगा। 2 महीने के लॉकडाउन के बाद कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत भी खुलने वाला है।
चीन को लेकर की गई भविष्यवाणी थी सही
लेविट ने चीन में कोरोना से 3250 मौतों व 80,000 मामलों का अनुमान लगाया था जबकि बाकी एक्सपर्ट्स लाखों में गणना कर रहे थे। मंगलवार तक चीन में 3277 मौतें व 81171 मामले सामने आए हैं। उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई और चीन में मार्च के पहले हफ्ते से ही मरने वालों की संख्या में गिरावट आई। चीन व दक्षिण कोरिया में नए मामलों की संख्या लगातार गिर रही है। चीन की इकोनॉमी भी वापस पटरी पर लौटती दिख रही है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन का हुबेई प्रांत भी दो महीने के लॉकडाउन के बाद अब खुलने वाला है।

इसके बाद लेविट ने सभी देशों की गणना का हिसाब भी लगाया, जहां 78 देशों में हर दिन 50 नए केस आ रहे हैं। डेटा की जांच करने के बाद उन्होंने का कि बहुत से देशों में रिकवरी के मामले में भी सामने आ रहे हैं, जो इसके खत्म होने के संकेत है। उन्होंने कहा कि भले ही आकड़ें परेशान करने वाले है लेकिन इसमें वृद्धि दर के धीमी होने के संकेत भी साफ दिख रहे हैं। वैज्ञानिक लेविट का मानना है कि अधूरे आंकड़े के बावजूद लगातार गिरावट का यही मतलब है कि कुछ है जो काम कर रहा है और ये सिर्फ नंबर गेम नहीं है।
सोशल डिस्टेंसिंग ही सही इलाज
उनका ये निष्कर्ष दुनियाभर में लाखों लोगों के मन में ना सिर्फ उम्मीद जगा रहा है बल्कि उनकी परेशानी को भी कम कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा कि अक्सर हम कोरोना को जड़ से खत्म करने की अहमियत पर जोर देते हैं लेकिन इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे जरूर है। ऐसे में लोग बड़ी संख्या में एक जगह इकठ्ठा ना हों। यह वायरस नया है और ज्यादातर आबादी के पास इससे लड़ने की इम्युनिटी ही नहीं है। अभी वैक्सीन बनने में भी वक्त लगेगा। ऐसे में ये वक्त बाहर घूमने का नहीं है।
पैनिक कंट्रोल करना जरूरी
उन्होंने कहा कि पैनिक ना हो क्योंकि हम बिल्कुल ठीक होने जा रहे हैं। यही नहीं, लेविट ने उस भविष्यवाणी को भी खारिज कर रहे हैं कि जिसमें कहा गया है कि दुनिया का अंत होने वाला है। उनका कहना है कि तमाम डेटा इस बात का समर्थन नहीं करते हैं। लेविट की ये बातें दिल को तसल्ली देने वाली है।

हालांकि लेविट को कोरोना वायरस से धीमी हुई आर्थिक प्रगति को लेकर सबसे ज्यादा चिंता है। दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई हैं और उत्पादन सुस्त पड़ गया है। असंगठित क्षेत्र के लोग लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है।

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