कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए नीतीश सरकार करेगी इस मशीन का इस्तेमाल

विश्व समेत भारत में कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. लेकिन एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में आए लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है. एक तो लोग डर कर अपने आप को पुलिस या मेडिकल टीम के सामने नहीं ला रहे हैं वहीं दूसरी तरफ संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है. इसको लेकर बिहार सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सरकार ने कहा है कि ट्रेन से बिहार आने वाले लोगों को ट्रैक किया जा रहा है. उनकी पहचान की जा रही है. बिहार सरकार ने कहा है कि 4840 लोग ऐसे हैं जो ट्रेन से आए हैं लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पा रही है.

बिहार सरकार ने कहा है कि 1 मार्च से 21 मार्च तक आने वालों की पही सूची में 4840 लोगों का नाम आया है. जिसमें से कई लोगो गायव हो गए हैं. मेडिकल टीम उनके घऱ के पास जाकर उनकी पहचान कर रही है. उनको उनके घऱ पर ही क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिया जा रहा है. लेकिन बहुत ऐसे लोग हैं जो भयवश पुलिस और मेडिकल टीम के सामने नहीं आ रहे हैं. अब राज्य सरकार उन लोगों को मोबाइल के द्वारा ट्रैक करने की कोशिश कर रही है.

प्रदेश की सरकार अब रिजर्व टिकट में दिए गए नंबर की खोज कर रही है. जिससे की उन यात्रियों को ट्रैक किया जा सके. बताया जा रहा है कि प्रदेश से आने वाले लोगों की संख्या एक लाख से ऊपर होने का अनुमान है. इनमें से एक चौथाई लोग भी आरक्षित सीट पर आये होंगे और उनका मोबाइल नंबर उपलब्ध होगा. बाकि जो लोग जेनरल डिब्बे में यात्रा कर रहे थे. उनकी भी खोज की जा रही है. प्रदेश के कई जिलों में आये लोगों के बारे में अभी तक राज्य सरकार के पास किसी तरह कोई जानकारी नहीं है. बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर में 1 मार्च से 21 मार्च तक में 10 हजार लोग ट्रेन से आए हैं. जिनकी जांच होनी बाकि हैं. साथ ही विदेश से आने वाले 182 लोग हैं जिसमें से 132 लोग सरकार की जानकारी में हैं.

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