गांव-गांव पहुंच रहा प्रशासन, सूनी हुई गांव की गलियां

जागरण संवाददाता सुपौल: लॉकडाउन की सफलता को ले अब प्रशासन की धमक गांव में भी सुनाई देने लगी है। अब तक प्रशासन शहरी क्षेत्र या मुख्य सड़क को ही मुख्य रूप से निशाने पर ले रखा था। इन क्षेत्रों में तो लॉकडाउन का असर साफ रूप से दिखाई पड़ रहा था परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में कमोबेस लोगों का घर से बाहर निकलना जारी ही था। कोरोना वायरस के खात्मा को ले देशभर में लागू की गई लॉकडाउन की सफलता कमजोर दिख रही थी। इधर अन्य प्रदेशों में कोरोना को लेकर बिगड़ रहे हालात को देखते हुए दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने वाले लोगों की भीड़ भी एकाएक गांव की ओर उमड़ रही थी। इस स्थिति को भांप जिला प्रशासन के कान खड़े हुए और शुक्रवार को प्रशासन के लोगों ने कई ग्रामीण इलाकों का दौरा कर लोगों को अपने घरों में बने रहने का स्पष्ट संदेश दिया। स्थिति की नजाकत को देख अब गांव के लोग भी लॉकडाउन की महत्ता को समझने लगे हैं। परिणाम है कि ग्रामीण इलाकों की गलियां भी अब सूनी दिखने लगी हैं। ग्रामीण इलाकों में सबसे बड़ी समस्या बाहर से आने वाले लोगों को लेकर है। बड़ी संख्या में आज भी बाहर कमाने वाले लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं। हालांकि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भी प्रशासनिक स्तर पर विशेष तैयारी की गई है। पंचायत स्तर पर बरती जा रही सावधानी को ले मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए बातचीत कर सावधानी बरतने के कई निर्देश दिए हैं। दिए गए निर्देश के आलोक में गुरुवार को मुखिया द्वारा पंचायत के अन्य प्रतिनिधियों एवं कर्मियों को जानकारी दी गई। कोरोना से बचाव के लिए पंचायत स्तर पर सक्रियता बरतने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। इनमें बाहर से आए लोगों के बारे में कंट्रोल रूम को सूचना देना भी शामिल है। पंचायत प्रतिनिधियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाले लक्षण एवं उससे बचाव के उपाय भी बताए गए हैं। यह भी कहा गया है कि यदि किसी में ऐसा लक्षण दिखे तो तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें अथवा कंट्रोल रूम को सूचित करें। इस अभियान में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी भूमिका निर्धारित की गई है।

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गांव के विद्यालयों में भी आवासन की है व्यवस्था
बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी जिला अधिकारी को निर्देशित किया है कि बाहर से आने वाले लोगों के आवासन के लिए आवश्यकता अनुसार गांव के विद्यालय भवन या अन्य सरकारी भवनों का अस्थाई तौर पर इस्तेमाल किया जाए। जारी आदेश के आलोक में जिले के सभी 181 पंचायतों में ऐसे आवासन की व्यवस्था की गई है।
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मेडिकल टीम को किया गया है सक्रिय
बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी देने के लिए आम लोगों से अपील की जा रही है। साथ ही सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम के नंबर भी जारी किए गए हैं। सूचना के आलोक में गठित मेडिकल टीम को तुरंत रवाना कर दिया जा रहा है। यह टीम ऐसे लोगों की मौके पर ही जांच कर रही है। आवश्यकता अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं।
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प्रशासनिक अधिकारियों ने कई गांवों का किया दौरा
शुक्रवार को ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन की सफलता को लेकर प्रशासन के लोगों ने कई गांवों का दौरा कर लोगों को जागरूक किया। इसी क्रम में पिपरा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने कटैया माहे,बथनाहा,रतौली, ललमनिया ,पथरा उत्तर आदि गांव का दौरा कर गांवों में चलने वाले छोटे-मोटे गुमटी को न सिर्फ बंद करवाया, बल्कि इधर-उधर घूम रहे लोगों को भी चेतावनी दी। कहा कि लोग अपने घरों में बने रहें ताकि कोरोना जैसे संक्रमित रोगों से बचा जा सके और कोरोना वायरस से जारी जंग को सफल बनाया जा सके।
Posted By: Jagran
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