मलेरिया की दवा से कोरोना का कैसे हो सकता हैं उपचार, जाने

केन्द्र सरकार ने 'हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वाइन' की बिक्री व वितरण को प्रतिबंधित कर दिया है, ताकि इससे सीओवीआईडी -19 रोगियों के उपचार व महामारी के कारण उत्पन्न होने वाली इमरजेंसी जरूरतों को पूरा किया जा सके.

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि यह आदेश "आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगा.
आदेश में, सरकार ने घोषणा की है कि कें द्र सरकार "महामारी कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई इमरजेंसी जरूरतों को पूरा करने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा आवश्यक है. ऐसे में वर्तमान परिस्थिति में इस दवा के वितरण व दुरुपयोग को रोकने के लिए, इसकी बिक्री को प्रतिबंधित करना आवश्यक है.
"लिहाजा अब ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 (1940 का 23) की धारा 26 बी द्वारा प्रदान की गई शक्तियों के तहत कें द्र सरकार यह आदेश देती है कि किसी भी खुदरा व्यापारी द्वारा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ड्रग की बिक्री ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 में अनुसूची एच1 में दी गई दवाओं की बिक्री की शर्तों के तहत होगी."
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब कोरोनोवायरस ने देश में 16 लोगों की जिंदगी ले ली है व 600 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है. इस दवा की बिक्री व वितरण पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा पहले सरकार द्वारा की गई थी, लेकिन बाद में गुरुवार को एक आधिकारिक राजपत्र पर अधिसूचना जारी की गई. इसमें इशारा दिया गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, जो कि एक मलेरिया-रोधी दवा है, कोरोनावायरस संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए एक दवा के रूप में कार्य करेगी.
हाल ही में, भारतीय काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा गठित कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने निवारक दवा के रूप में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सिफारिश की है.

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