रायपुर से पैदल चलकर तीन दिनों में वाराणसी पहुंचा शख्स

28 Mar, 2020 02:46 PM | Saroj Kumar 136

कोरोना वायरस की वजह से पुरे देश में लॉकडाउन है, पूरी दुनिया थम सी गयी है, मगर इन सब के बिच कोई सबसे ज्यादा परेशान है तो वो है दिहाड़ी मजदूर. उनके पास न तो खाने को है न ही रहने के स्थायी बसेड़ा. 
जिसके कारण दूसरे शहरो में फंसे दिहाड़ी मजदूर पैदल ही सफर पर निकल चुके हैं. कोई कंधे पर बच्चे को लादे तो कोई अपनी गृहस्थी को सिर पर रखे भूखे-प्यासे ही सड़क पर उतर पड़ा है.


ऐसे ही एक मजदूर है मुराकीम, रायपुर में रोजी-रोटी के लिए रहने वाले मुराकीम की मां की मौत हो गई और ऐसे में कोई रास्ता न देख वह अपने दो दोस्तों के साथ वाराणसी के लिए पैदल ही निकल पड़े और तीन दिन में अपने गांव पहुंचे. मगर, तब तक उनकी अंतिम संस्कार कर दिया गया था. मुराकीम ने बताया कि अपने दो दोस्तों विवेक और प्रवीण के साथ उन्होंने लगभग 650 किलोमीटर की यह दूरी पैदल ही तीन दिनों में तय की. वहीं, उनके दोस्त ने कहा कि 'हम एक बार में 20 किलोमीटर चल रहे थे. रास्ते में 2-3 लोगों से लिफ्ट भी ली. इस तरह तीन दिन में वाराणसी पहुंच गए.


ऐसी कई कहानियां सामने आ रही हैं. हालांकि राज्य सरकारों ने लोगों से अपील भी की है कि जो जहां हैं वहीं रहें और उनकी देखभाल की पूरी व्यवस्था की जाएगी. इन दिनों दिल्ली से उत्तर प्रदेश और बिहार के जिलों में जाने वालों का तांता लगा है. दिल्ली की सीमा पर बड़ी संख्या में लोग पैदल चलते नजर आ जाते हैं. लोगों ने कहा कि उन्हें भूखे प्यासे ही सफर करना पड़ रहा है क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं और रास्ते में अगर कुछ खाने को मिल भी जाए तो उसकी दोगुनी कीमत वसूली जाती है.

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