कोरोना वायरस से बचने के लिए, लॉकडाउन के साथ शरीर की हर्ड इम्यूनिटी आवश्यक

जयपुर।आज विश्व में कोरोना वायरस का संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है और इसकी अभी तक कोई वैक्सिंन भी नही बनाई जा सकी है।ऐसे में कोरोना वायरस से बचाव करना ही इसका इलाज माना जा रहा है।हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी देशों के वैज्ञानिक वैक्सिंन की खोज करने में लगे हुए है लेकिन इससे बचाव का जो सबसे मददगार उपाय अभी तक सामने आए है, उनमें सोशल​ डिस्टेन्श अहम माना जा रहा है और इसी लिए हमारे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है।

इसके जरिए इस वायरस का संक्रमण रोका जा सकता है और लॉक डाउन से कोविड—19 के बढ़ते संक्रमण की दर को धीमा किया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत होंगी।कोरोना वायरस से बचने के लिए अभी तक किसी प्रकार की दवा की खोज नही की जा सकी है।
लेकिन कई लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बल पर इस संक्रमण को अपने शरीर से दूर कर देते है।जिसे कि वायरल संक्रमण के प्रति इम्यून होना कहा जाता है। जब इम्यून लोगों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है, तो वायरस अपना संक्रमण नहीं फैला पाता है।
इसे हर्ड इम्यूनिटी भी कहा जाता है, जो कि कई बार वायरल इंफेक्शन के कारण मानव शरीर में अपने आप ही बन जाती है।वहीं इस समय बढ़ रहा कोरोना वायरस का संक्रमण में कोरोना वायरस से ग्रसित हर व्यक्ति दो से ज्यादा लोगों में इसका संक्रमण बढ़ा रहा है। इस स्थिति में हर्ड इम्युनिटी कोरोना के फैलाव को रोकने में मददगार साबित हो सकती है।
हालांकि कोरोना वायरस का प्रभाव विश्व पर बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है।विश्व में अब तक करीब 5 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित है और 25 हजार से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है।

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