प्राईवेट स्कूलो के स्थानीय परीक्षा परिणाम व्हाट्सअप पर उपलब्ध हों!

जयपुर. बांसवाड़ा के पूर्व पार्षद मनीष एन त्रिवेदी ने राज्य के शिक्षामंत्री से आग्रह किया है कि कोरोना संक्रमण के चलते देश व जनहित में हुए लाॅक डाउन के बाद घर पर बैठे विद्यार्थियों की सक्रियता व उर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिये प्रदेश के प्राईवेट स्कूल जिनमें स्थानीय परीक्षाओं के परिणाम मार्च में तीसरे सप्ताह में जारी करने की तैयारी थी, उनके तैयार रिजल्ट की सूचना व्हाट्सअप के माध्यम से विद्यार्थियों व अभिभावकों को दी जाये ताकि विद्यार्थी अगली कक्षा के लिये स्वयं को तैयार करें.

उन्होंने कहा कि प्राईवेट स्कूलों द्वारा विद्यालय की सूचनाएं व ग्रहकार्य आदि भी व्हाट्सएप पर रोजाना दिये जाते हैं अतः इस व्यवस्था को लागू करने में कोई परेशानी नही है. त्रिवेदी ने कहा कि लाॅकडाउन के बाद विद्यार्थी घरों में हैं और परीक्षाएं या तो दे चुके हैं या परीक्षाओं के स्थगित होने के बाद अब असमंजस की स्थिति में हैं अतः उनकी उर्जा को सकारात्मक दिशा की ओर मोडने के लिये जिन कक्षाओं की स्थानीय परीक्षाएं हो चुकी व परिणाम तैयार हैं,
उनकी जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से दी जाये ताकि अगली कक्षा के लिये वे मानसिक रूप से तैयार रहें. उन्होंने कहा कि विस्तृत सूचना तंत्र के इस दौर में पाठ्यक्रम, पाठ्यसामग्री व अन्य जानकारियां नेट पर उपलब्ध हैं, अतः परिणाम की जानकारी मिलने के बाद विद्यार्थियो को अग्रीम तैयारी हेतु सुविधा रहेगी.
त्रिवेदी ने कहा कि लाॅकडाउन की परिस्थितियों में घर में रहना स्वयं, समाज और देश के हित में है, परन्तु बच्चों व बुजुर्गों से सम्बद्ध मामलों को लेकर सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और बच्चों को मोबाईल, गेम, टीवी आदि सुविधाओं के माध्यम से व्यस्त रखने का प्रयास हो रहा है, परन्तु यह सुविधायें लम्बे समय तक उपयोग करने पर कितना नुक्सानदायक असर छोड़ती हैं यह सभी जानते हैं,
अतः वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अध्ययन सर्वश्रेष्ठ है. केन्द्र व राज्य के बोर्ड व पाठ्यक्रम निर्धारकों की सूचनाएं सार्वजनिक प्रसारित करने से सभी को मदद मिल सकती है. अधिकतर लोग मोबाईल व कम्प्युटर की सुविधाओं से युक्त हैं अतः सूचना मिलने से राहत संभव है. त्रिवेदी ने शिक्षामंत्री से आग्रह किया कि सरकारी स्कूलों में पहली से नवमी एवं ग्यारहवी की परीक्षाएं स्थानीय तौर पर होती हैं जिनमें से आठवी बोर्ड की कई परीक्षाएं हो चुकी हैं तो पांचवी बोर्ड की शेष हैं,
जिनकी तैयारिया पूर्ण हैं, परन्तु कोरोना के चलते हुए लाॅकडाउन व आगामी व्यवस्थाओं को लेकर समय का अनुमान लगाना कठिन है, अतः कई राज्यों में की गई व्यवस्था की तरह इन स्थानीय कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में अर्धवार्षिक तक की प्रगति के आधार पर या कोई मापदण्ड बनाकर क्रमोन्नत करें ताकि अनावश्यक कार्य दबाव से शिक्षकों व शिक्षा विभाग को राहत मिल सके.

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