भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की हुई पूजा-अर्चना

संवाद सूत्र- बलुआ बाजार, (सुपौल) : चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन रविवार को लक्ष्मीनिया दुर्गा मंदिर प्रांगण में मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना विधि-विधान के साथ हुई। देशभर में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण मंदिर प्रांगण में इक्के दुक्के ही श्रद्धालु ही आ-जा रहे हैं। इसको लेकर पूजा समिति की तरफ से भी निर्देश जारी किया गया है कि पंडित-पुरोहित के अलावा अन्य किसी व्यक्ति का मंदिर प्रांगण में आना वर्जित है। आयोजन समिति के अध्यक्ष राजीव झा ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इस बार की पूजा हो रही है। पूजा में पंडित-पुरोहित के अलावा किसी का मंदिर प्रांगण में आना वर्जित है। मैया की कृपा से यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष धूमधाम से पूजा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूजा में जुटे लोगों के लिए हैंडवाश एवं मास्क की व्यवस्था भी की गई है। मंदिर के पुजारी भुवनेश्वर झा ने बताया कि चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता को वात्सल्य की मूर्ति माना जाता है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। जो भक्त सच्चे मन और विधि-विधान से स्कंदमाता की पूजा करते हैं, उन्हें ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौके पर पुरोहित अवध नारायण मिश्रा, आयोजन समिति के पप्पू ठाकुर और योगेंद्र झा उपस्थित थे।

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Posted By: Jagran
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