खुद होम क्वारंटाइन हुए अभिषेक

आरा। यह उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कोरोना के कोहराम के बीच घर लौट रहे हैं। उनका परिवार उन्हें अलग रखने में बेइज्जती और सामाजिक अपमान समझता है। लॉकडाउन के बीच आपाधापी में पैदल हीं घर निकल चुके हैं। जबकि सरकार जो जहां है, वहीं रहने की अपील कर रही है, ताकि कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा नहीं बढ़े। आरा के गोढ़ना रोड में रहने वाली कंचन कामनी ने पुणे से लौटे अपने पति अभिषेक कुमार को घर में रखने से मना कर दिया। उन्हें होम क्वारंटाइन में रखी है। अभिषेक सोनी एरिक्शन कंपनी में इंजीनियर हैं। कोरोना के कोहराम के बीच वह 23 मार्च को पुणे से पटना एयरपोर्ट लौटे। जब आरा आए, तो पत्नी कंचन कामनी ने उन्हें घर से बाहर के कमरे में रहने की सलाह दी। उन्होंने तुरंत हामी भर दी। उनके घर में माता-पिता, दादा, पत्नी के अलावा बेटा कनिष्क (6) और बेटी अवन(8) भी है। अभिषेक ने बताया कि मुझे हालात की गंभीरता देखते हुए अलग रहना उचित लगा। यह देशहित में जरूरी है। ऐसा लाजिमी भी है। ऐसी स्थिति में सबका मकसद एक ही होता है, अपनों के बीच पहुंचना। परिवार और समाज सुरक्षित रहे, इसलिए सोशल डिस्टेंस भी जरूरी है। इसी से परिवार, समाज और देश बचेगा।

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Posted By: Jagran
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