बची बीएस-4 गाड़ियों का एजेंसी के नाम पर हुआ निबंधन

बक्सर : बीएस-4 प्रदूषण मानक गाड़ियों के निबंधन की मियाद उच्चतम न्यायालय ने 31 मार्च तय की थी। इस बीच लॉकडाउन लगने से आकर्षक ऑफर देने के बावजूद वाहन एजेंसी के मालिक बचे स्टॉक को नहीं बेच सके और आपाधापी में सोमवार और मंगलवार को आठ सौ से ज्यादा गाड़ियों का ऑनलाइन निबंधन कराया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय मियाद को लॉकडाउन के दस दिनों बाद तक, यानी 24 अप्रैल तक बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन जिला परिवहन कार्यालय को मंगलवार की शाम तक इसकी जानकारी नहीं थी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट केफैसले के मुताबिक कोई भी निर्माता अथवा डीलर 1 अप्रैल 2020 को या उसके बाद बीएस-4 वाहनों को बेच या पंजीकृत नहीं करा सकता। सभी बीएस-4 वाहनों को 31 मार्च 2020 के भीतर पंजीकृत कराना है। हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने लॉक डाउन के बाद 10 दिनों की मोहलत और दी है लेकिन, इस संदर्भ में बक्सर में विभागीय अधिकारियों अथवा एजेंसी संचालकों को कोई जानकारी नहीं हुई है। जिसके कारण अंतिम तिथि के 1 दिन पूर्व तक विभाग द्वारा इस मसले पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आने पर बक्सर के कई डीलरों ने बीएस-4 मॉडल वाहनों को अपने कर्मचारियों अथवा निर्माता कंपनी के नाम ही पंजीकृत करा दिया। पाहवा होंडा के प्रोपराइटर राजा पाहवा ने बताया कि निर्देशों के मुताबिक एक अप्रैल से बीएस-6 वाहनों की बिक्री ही हो सकेगी। ऐसे में जो भी स्टॉक उनके पास बचा था उन्हें आनन-फानन में एजेंसी के कर्मियों अथवा कंपनी के नाम पर ही निबंधित करा दिया, जिससे बाजार खुलने के बाद वाहन को सेकंड पार्टी के नाम पर ट्रांसफर कर बेचा जा सके। इसमें एजेंसी मालिकों को निबंधन शुल्क का भारी नुकसान होगा, लेकिन पूरी गाड़ी को स्क्रैप में जाने से बचाने के लिए यही एक रास्ता था। टीवीएस मोटर के संजय कुमार ने भी बताया कि वे और उनके सब डीलर दो दिनों में सौ से ज्यादा गाड़ियों का निबंधन एजेंसी के नाम पर करा सकते हैं।

एक माह में बिकी डेढ़ हजार से ज्यादा गाड़ियां:
परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो पिछले 1 महीने में तकरीबन डेढ़ हजार से ज्यादा गाड़ियों की बिक्री जिले में की गई है। टीवीएस, होंडा, हीरो, बजाज, समेत कार निर्माता कंपनी मारुति के निबंधन के आंकड़ों से यह बात स्पष्ट हो जाती है। बताया जा रहा है कि, अंतिम 2 दिनों के भीतर सर्वाधिक निबंधन के आवेदन विभाग को मिले हैं।
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एजेंसी संचालकों को पूर्व में ही सरकारी निर्देशों से अवगत कराया जा चुका था। बावजूद इसके जो गाड़ियां नहीं बिक सकी हैं उनकी बिक्री अब 1 अप्रैल से नहीं की जाएगी। मंगलवार को दिन में 11 बजे तक कोई निर्देश विभाग की तरफ से नहीं आया था। इसके बाद वे क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था में लग गए। हालांकि, यदि कोई निर्देश आता है तो उससे तुरंत ही एजेंसी संचालकों को अवगत करा दिया जाएगा।
मनोज रजक, जिला परिवहन पदाधिकारी, बक्सर।
Posted By: Jagran
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