ग्रामीणों ने किया दाह संस्कार में जाने से इन्कार

पूर्णिया। धमदाहा प्रखंड अंतर्गत पारसमनी पंचायत में एक मृत किशोरी के शव को कोरोना संक्रमित होने के भय से दाह संस्कार हेतु श्मशान घाट ले जाने में स्थानीय ग्रामीणों ने हाथ खड़े कर दिए। मुखिया पति द्वारा ग्रामीणों को समझाए जाने के बाद परिजनों के साथ कुछ ग्रामीणों ने मिलकर 10 घटे से रखे शव को दाह संस्कार के लिए लेकर गए। मामला रविवार का है जब स्थानीय पंचायत के वार्ड दो निवासी स्वर्गीय प्रदीप शर्मा की 15 वर्षीय पुत्री आचल कुमारी की मौत सदर अस्पताल पूर्णिया में इलाज के दौरान हो गई। वह विगत पांच दिनों से सर्दी, खासी व बुखार से पीड़ित थी। स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा इसके बीमार होने की सूचना अनुमंडलीय प्रशासन को दी गयी। जिन्होंने बीमार किशोरी के घर पहुंचकर इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा में भर्ती करवाया। जहा इलाज के क्रम में किशोरी की स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण शनिवार को सदर अस्पताल पूर्णिया रेफर किया गया था जहा रविवार की सुबह उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल प्रशासन द्वारा किशोरी के शव को बिना पोस्टमार्टम किए परिजनों को सुपुर्द कर एंबुलेंस से गाव भेज दिया गया। शव के पहुंचते ही गाव में यह बात फैल गई कि किशोरी की मृत्यु कोरोना वायरस के संक्त्रमण से हो गई। जिसके कारण शव के दाह संस्कार हेतु कोई जाने को तैयार नहीं था। स्थानीय पंचायत के मुखिया पति द्वारा काफी समझाए बुझाए जाने के बाद परिजन एवं कुछ ग्रामीण मिलकर दाह संस्कार हेतु शव को ले जाने को तैयार हुए। मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी धमदाहा डॉ. रवि रंजन ने बताया कि मृत किशोरी विगत पाच दिनें से बीमार थी जिन्हें हीमोग्लोबिन की कमी तथा मिर्गी के दौरे पड़ते थे। कड़ी धूप में पशु के लिए चारा लाकर तुरंत पानी पीने के बाद सर्दी खासी हो गया था जिसका इलाज अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा में भी किया गया था।

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Posted By: Jagran
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