कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..

गोपालगंज : कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए.., गीत से माहौल में भक्ति का रस घुला रहा। चैती छठ को लेकर मंगलवार को उदीयमान भास्कर के अ‌र्घ्य के दौरान लोगों में श्रद्धा का भाव दिखा। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों ने आपस में दूरी भी बनाए रखा। महिलाओं ने अपने घर की छतों तथा घर के पास बनाए गए घाट पर छठी मईया की पूजा अर्चना की। लोगों के घरों पर ही श्रद्धा व भक्ति का यह संगम सुबह सात बजे तक दिखा। उदीयमान भास्कर को अ‌र्घ्य दिए जाने के साथ ही चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व का विधिवत समापन हो गया।

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चैती छठ को लेकर सोमवार की शाम व शुक्रवार की तड़के छठ गीत गाती महिलाओं का उत्साह देखने लायक रहा। मंगलवार की तड़के चार बजे से ही महिलाएं घर के समीप बनाए गए घाटों पर भगवान भास्कर के उदय होने के इंतजार में खड़ी रहीं। कई इलाकों में महिलाएं गांव के पुराने छठ घाटों पर भी पूजा अर्चना के लिए पहुंची। लेकिन वहां महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिग का पूरा ख्याल रखा। भगवान सूर्य के उदय होने के साथ ही महिलाओं ने अ‌र्घ्य अर्पित किया। इस दौरान महिलाओं द्वारा गाए जा रहे छठी मईया के गीतों से माहौल पूरी तरह से भक्तिमय रहा। दो दिनों तक रंग बिरंगे बेदी के समीप बैठी व्रती महिलाएं गीत गाकर सूर्य की उपासना में लगी रहीं। मान्यता व पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य षष्ठी की उपासना का अलग महत्व है। पुत्र की रक्षा, उन्नति एवं सुख व शांति के लिए माताएं अस्ताचल व उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत को पूरा करती हैं। इस साल चैती छठ के दौरान महिलाओं ने काोराना महामारी से देश को मुक्त कराने की भी प्रार्थना की।
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पुलिस की मुस्तैदी के कारण छठ घाट पर नहीं पहुंचे लोग
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गोपालगंज : कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर चैती छठ के दौरान छठ घाट पर लोगों को नहीं जाने की अपील की गई थी। ताकि लोग भीड़भाड़ में जाने से बच जाएं। पर्व को देखते हुए पुलिस सोमवार को दोपहर बाद से मंगलवार की सुबह तक सक्रिय दिखी। ताकि लोग छठ घाटों पर अनावश्यक भीड़ से बच सकें। इसके बावजूद कुछ घाटों पर काफी कम संख्या में व्रती महिलाएं घाट पर पहुंचीं।
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तड़के घाट पर कोसी लेकर पहुंचे व्रती
गोपालगंज : चैती छठ के मौके पर सोमवार की शाम अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिए जाने के बाद महिलाओं ने घरों में कोसी का पूजन किया। पूरी रात महिलाओं ने अपने घर में बेदी बनाकर छठी मईया की पूजा अर्चना की। साथ ही मंगलवार की तड़के तीन बजे व्रती महिलाओं के साथ सिर पर दउरा व कंधे पर ईंख लेकर परिवार के पुरुष सदस्य घर के समीप बनाए गए छठ घाट पर पहुंचे। घाट पर एक घंटे तक पूजा अर्चना के बाद महिलाओं ने कोसी को वापस भेजा और फिर भगवान भास्कर के उदय होने की प्रतीक्षा में गहरे जल में उतर गईं। उदीयमान भगवान भास्करको अ‌र्घ्य के साथ ही इस पर्व का विधिवत समापन हो गया।
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ग्रामीण क्षेत्र में भी हुई चैती छठ
गोपालगंज : ग्रामीण इलाकों में भी चैती छठ परंपरागत उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान घरों में कोसी पूजन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने खुद के प्रयास के घर के समीप छठ घाट का निर्माण किया था। थावे, उचकागांव, कटेया, भोरे, कुचायकोट, मांझा, बरौली तथा सिधवलिया सहित तमाम प्रखंडों पर सुबह उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चैती छठ का विधिवत समापन हो गया।

Posted By: Jagran
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