चावल बनाने में आत्मनिर्भर होगी सहकारी समितियां

सहरसा। समस्याओं से जूझ रहे पैक्स, व्यापार मंडल, मत्स्यजीवी सहकारी समितियों के दिन बहुरनेवाले हैं। खासकर कोसी प्रमंडल के सहरसा जिले में बहुत जल्द सहकारी समितियों के हालात में सुधार होनेवाला है। समेकित सहकारी विकास परियोजना (आइसीडीपी) के तहत जिले के सभी दस प्रखंडों में 70-70 लाख रुपये की लागत से उच्च क्षमता वाले राइस मिल की स्थापना की जाएगी। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने इसके लिए अपनी सहमति प्रदान कर दिया है। उच्च क्षमता वाले राइस मिलों की स्थापना से जहां चावल तैयार करने के लिए सहकारिता विभाग व जिला प्रशासन को खगड़िया, बेगुसराय, समस्तीपुर, भागलपुर आदि का चक्कर लगाने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। वहीं सहकारी समितियां भी आर्थिक रुप से मजबूत होगी। अगले वित्तीय वर्ष से इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। ------------------- तीन मैट्रिक टन प्रति घंटा होगा चावल का उत्पादन----- इस योजना के तहत राइस मिल की यूनिट के लिए कृषि साख सहकारी समिति को पचास प्रतिशत के अनुदान पर ब्याज रहित आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। जिससे समितियों का आर्थिक उन्नयन होगा और किसानों को भी चावल तैयार करने में काफी सहुलियत होगी। इस उच्च क्षमता वाले राइस मिल से प्रति घंटा तीन मैट्रिक टन चावल का उत्पादन होगा। राइस मिल खोलने के लिए अगर समितियों के पास जमीन का अभाव है तो जमीन खरीद के लिए अलग से राशि दिए जाने का भी प्रावधान होगा।

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---------------- आइसीडीपी योजना इस क्षेत्र के समितियों के लिए वरदान साबित होगा। प्रखंडों में राइस मिल खुलने से चावल उत्पादन की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। चावल उत्पादन के लिए कहीं भटकना भी नहीं पड़ेगा। इस योजना से समितियों के आधारभूत संरचना में भी बढ़ोतरी होगी, तो नि:संदेह ही इससे समितियों व उससे जुड़े सदस्यों को इसका लाभ मिलेगा।
सैयद मशरूक आलम, डीसीओ, सहरसा।
Posted By: Jagran
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