चाय कृषक व उद्यमियों के लिए सरकार ने जारी की गाइड लाइन

- सैनिटाइजर, मास्क, ग्लोव्स से लेकर शारीरिक दूरी का भी रखना होगा खयाल

संवाद सहयोगी, किशनगंज : लॉकडाउन के कारण चाय बागान और उससे जुड़े उद्योग में कामकाज बिलकुल बंद है। इस समय चाय बागान के किसान और टी प्रोसेसिग प्लांट चलाने वाले उद्यमी के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिससे कि इस व्यवसाय में जोखिम की संभावना बढ़ने लगी है। चाय बागान में पत्तियां तैयार हो चुकी है। इन पत्तियों को समय पर नहीं तोड़ा गया तो पत्तियां बर्बाद हो जाएंगी। इस विकट स्थिति से उबारने के लिए सचिव कृषि विभाग और कृषि निदेशक पटना द्वारा कई गाइड लाइन जारी किए गए हैं, जिससे कि चाय बागान सहित टी प्रोसेंसिग प्लांट में कुछ विशेष निर्देश का पालन करते हुए काम शुरू किया जा सकता है। यह जानकारी सोमवार को डीएम आदित्य प्रकाश ने दी।
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निदेशक उद्यान विभाग द्वारा सूबे के चाय कृषक और चाय उद्योग के हित को देखते हुए गाइड लाइन जारी किए गए हैं। इसके अंतर्गत चाय बगान में पत्तियों की तुड़ाई के समय एक श्रमिक से दूसरे श्रमिक की दूरी कम से कम दो मीटर बनाए रखना जरूरी है। बागान में काम करने वाले मजदूर अपने खाने का बर्तन अलग रखने के साथ पानी पीने का बोतल भी अलग रखें। चाय पत्तियों को तोड़ते समय कुछ-कुछ समय के अंतराल पर अपने हाथों को साबुन से अवश्य धोते रहें। पत्ती तोड़ने के दौरान पहने हुए कपड़े को काम समाप्त होने के बाद अच्छी तरह घोकर धूप में सुखाने के बाद ही दोबारा पहने। पत्ती तोड़ने के क्रम में नाक और मुंह को ढ़कने के लिए मास्क अवश्य लगाए। यदि किसी श्रमिक को सर्दी, खांसी, जुकाम, सिरदर्द सहित बुखार के लक्षण दिखे तो उन्हें पत्ती तोड़ने के कार्य में नही लगाए और इसकी सूचना निकट के स्वास्थ्य केंद्र को दें। चाय बागान मालिकों को अपने बागान में पर्याप्त मात्रा में साबुन और पानी की व्यवस्था करना अनिवार्य किया गया है। चाय बागान प्रबंधक व मालिक 50 फीसद श्रमिक से कार्य ले सकते हैं। एसडीएम स्वयं अथवा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी या प्रखंड कृषि पदाधिकारी के माध्यम से समय समय पर बागान और फैक्ट्री की जांच करते रहेंगे। इसके अलावा यदि चाय बागान और टी प्रोसेसिग प्लांट में काम करने वाले श्रमिकों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है। ऐसी स्थिति में संपूर्ण जवाबदेही चाय बागान, टी प्रोसेरंग प्लांट के मालिक या प्रबंधक की होगी। इसे विभागीय निर्देश एवं शर्तों का उल्लंघन मानते हुए द डिस्सटर मैनेजमेंट एक्ट 2005 और द बिहार एपीडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन 2020 के सुसंगत प्रावधान के तहत दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोरोना के संक्रमण से बचने का एक मात्र व सर्वश्रेष्ठ उपाय सावधनी और सोशल डिस्टेंस ही है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय समय पर दिए गए निर्देश का पालन करना जरूरी है।
Posted By: Jagran
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