लॉकडाउन के समय दे इन खास बातो पर ध्यान

लॉकडाउन के समय अस्पतालों में ओपीडी बंद हैं व सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही दी जा रही है. ऐसे में अगर आप या आपके घर का कोई मेम्बर किसी गंभीर बीमारी का मरीज है

तो चिंता बढ़ना स्वभाविक है. आज दुनिया स्वास्थ्य दिवस के मौका पर हम आपको चार ऐसी बीमारियों व उनसे बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं जिनसे भारतीय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
डायबिटीज : अलावा दवा और जाँच का बंदोवस्त करके रखें इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की सलाह है कि मधुमेह के मरीज यह तैयारी हमेशा रखें कि अगर वे आकस्मित बीमार हो गए तो कहां व किस तरह उपचार कराएंगे. अपने पास अलावा दवा व ब्लड ग्लूकोज की घर पर जाँच का बंदोवस्त रखें ताकि बीमार होने पर उन्हें तुरंत बाहर न जाना पड़े. शुगर लेवल 180 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से ज्यादा न हो. हर दिन 30 मिनट तक व्यायाम जरूर करें व आठ से दस घंटे सोएं.
क्या करें ' पानी पीते रहें और शरीर में ब्लड ग्लूकोज की जाँच करते रहें ' रोजाना सुबह-शाम शरीर का तापमान जरूर जांचें ' अगर इंसुलिन पर हैं तो कीटोन की निगरानी करें
क्या करें ' हृदयरोगी बहुत महत्वपूर्ण न हो तो मास्क न लगाएं ' घर में ही रहें लेकिन परिजनों से भी एक मीटर की दूरी बनाकर रखें ' मन अशांत लगे या चक्कर आए तो तुरंत चिकित्सक से फोन पर सम्पर्क करें ' सकारात्मक सोचें, आसपास की अच्छी चीजों पर ज्यादा ध्यान दें
कैंसर : संक्रमण का खतरा अधिक चाइना में हुए अध्ययन के मुताबिक, इस वक्त कैंसर के उन मरीजों के लिए खतरा अधिक है जिन्होंने हाल में कीमोथेरेपी या सर्जरी करायी हो व वे मरीज तुलनात्मक रूप से सुरक्षित हैं जिनका अभी उपचार प्रारम्भ नहीं हुआ. वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के कैंसर विभाग के अनुसार, जिन मरीजों ने सालभर पहले भी स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कराया हो, उन सभी का शरीर इस संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील है इसलिए वे सतर्क रहे.
क्या करें
' जुकाम, खांसी व बुखार जैसे बदलावों पर नजर रखें व चिकित्सक से उचित सलाह लें. ' सर्जरी, उपचार, रेडिएशन कराने या टालने संबंधी निर्णय खुद से न लें. ' हाथ साबुन से धोते रहें, छह फीट की दूरी बनाएं व अस्पताल जाते समय सावधान रहें ' संक्रमण का खतरा आपको ज्यादा है, इसलिए बाहर से आने वालों से सतर्क रहें
टीबी : किसी भी हालात में उपचार बिल्कुल न रोकें यह समय टीबी के मरीजों के लिए विशेष सतर्कता बरतने का है क्योंकि इन मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत निर्बल होता है. इसमें उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा अन्य मरीजों से कई गुना अधिक है. सबसे महत्वपूर्ण है कि मरीज की दवा का क्रम न टूटे. टीबी का मरीज एक बार खांसने पर 30 हजार टीबी वायरस हवा में छोड़ता है इसलिए उसे घर में अलग रखना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर वह संक्रमित हो गया तो यह संक्रमण बड़े स्तर पर फैल सकता है. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार, कोरोना व टीबी के लक्षणों में अंतर जानें. कोरोना में लगातार तेज बुखार व खांसी आती है. टीबी का लक्षण थकावट, आम बुखार, वजन गिरना, भूख न लगना, रात में पसीना आना आदि है.
क्या करें लॉकडाउन के समय सभी डॉट्स केन्द्र खुले हैं. तीमारदार मरीज का पर्चा पुलिस को दिखाकर सरलता से डॉट्स केन्द्र पहुंचकर सरकारी सुविधा ले सकते हैं. लॉकडाउन के चलते इस समय केन्द्र पर मरीज को एक महीने की दवा दी जा रही है ताकि उन्हें ज्यादा कठिनाई न हो.

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