सोनाक्षी के चक्कर में भिड़े दो TV के दो धुरंधर - 'कृष्ण' बोले- ठीक नहीं 'भीष्म' का तंज

मुकेश खन्ना के तंज पर ट्रोल हो रही सोनाक्षी सिन्हा

नीतीश ने दी मुकेश खन्ना को नसीहत
मुंबई : एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा आए दिन सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है। वजह है रामायण और महाभारत जैसे सीरियल का रिटेलिकास्ट होना है। दरअसल सोनाक्षी रामायण से जुड़े एक सवाल का जवाब नहीं दे पाई थीं। इसमें उनसे पूछा गया था कि हनुमान ने किसके लिए संजीवनी बूटी लाने गए थे। इस सवाल का जवाब देने के लिए सोनाक्षी ने लाइफलाइन इस्तेमाल कर ली थी। इसके लिए सोनाक्षी को तब भी ट्रोल किया गया था और अब भी किया जा रहा है। बीते दिनों मुकेश खन्ना ने भी सोनाक्षी पर तंज कसा था लेकिन अब इस पर 'महाभारत' में कृष्ण बने अभिनेता नीतीश भारद्वाज ने उनका बचाव किया है।
क्या मुकेश खन्ना ने ? एक इंटरव्यू में मुकेश खन्ना ने कहा था कि 'मुझे लगता है ये री-टेलीकास्ट सोनाक्षी सिन्हा जैसे लोगों लिए अच्छा रहेगा, जिन्होंने पहले ये शो नहीं देखा। ये उन जैसे लोगों की भी मदद करेगा। जिन्हें हमारी पौराणिक के बारे में कुछ नहीं पता है। उन्हें ये तक नहीं पता कि हनुमान किसके लिए संजीवनी लाने गए थे।" उनके जैसे लोगों को यह भी नहीं पता कि भगवान हनुमान किसके लिए संजीवनी लेकर आए थे।' हालांकि मुकेश खन्ना की इन बातों से नीतीश भारद्वाज सहमत नहीं दिखे।
नीतीश ने दी मुकेश खन्ना को नसीहत नीतीश ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि मैं अपने दोस्त को बताना चाहूंगा कि हो सकता है ये पूरी पीढ़ी भारतीय साहित्य और विरासत की पूरे विस्तार से न जानती हो, लेकिन इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। 1992 के बाद इंडिया के आर्थिक माहौल में इतना बड़ा बदलाव आ गया कि सब लोग अपने करियर बनाने और आर्थिक रूप से समृद्ध होने की रेस में भागने लगे। अगर हमें किसी को इसका जिम्मेदार मानना ही है, तो वो इस पीढ़ी के माता-पिता हैं। वो लोग अपने बच्चों को भारतीय विरासत और लिटरेचर के बारे में जागरूक बनाने में फेल हो गए।
एजुकेशन सिस्टम को भी ठहराया जिम्मेदार नीतीश ने यह भी कहा कि 'इस बात का दोष अंग्रेजी हुकुमत में लागू शिक्षा व्यवस्था को भी जाता है, जिसने भारतीय संस्कृति के लिए पाठ्यक्रम में कोई जगह ही नहीं छोड़ी। 1947 के बाद से आज तक इस एजुकेशन सिस्टम में बदलाव न कर पाना हमारी सरकारों की नाकामी रही है।'
नीतीश ने पछा सोनाक्षी को ही क्यों बनाया गया निशाना 'उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ सोनाक्षी को ही क्यों निशाना बनाया गया? हर बात को कहने का एक तरीका होता है। ये बात एक संतुलित तरीके से भी कही जा सकती थी, तब इस बात को स्वीकार भी उसी भावना के साथ किया जाता। नीतीश ने तो यहां तक कह दिया कि सीनियर्स तभी सम्मान के लायक होते हैं, जब वो सहानुभूति के रास्ते पर चलते हैं। इसमें सही या गलत वाली बहस तो है ही नहीं क्योंकि ये दो लोग जो भी कह रहे हैं, वो उनका सोचना है और हम उन्हें जज करने तो बिलकुल नहीं बैठे।'
नीतीश ने एजुकेशन सिस्टम को भी ठहराया जिम्मेदार नीतिश ने यह भी कहा कि इस बात का दोष अंग्रेजी हुकुमत में लागू शिक्षा व्यवस्था को भी जाता है, जिसने भारतीय संस्कृति के लिए पाठ्यक्रम में कोई जगह ही नहीं छोड़ी। 1947 के बाद से आज तक इस एजुकेशन सिस्टम में बदलाव न कर पाना हमारी सरकारों की नाकामी रही है।"
नीतीश ने पछा सोनाक्षी को ही क्यों बनाया गया निशाना ''उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ सोनाक्षी को ही क्यों निशाना बनाया गया? हर बात को कहने का एक तरीका होता है। ये बात एक संतुलित, सौम्य तरीके से भी कही जा सकती थी तब इस बात को रिसीव भी उसी भावना के साथ किया जाता। सीनियर्स तभी सम्मान के लायक होते हैं, जब वो सहानुभूति के रास्ते पर चलते हैं। इसमें सही या गलत वाली बहस तो है ही नहीं क्योंकि ये दो लोग जो भी कह रहे हैं, वो उनका सोचना है> और हम उन्हें जज करने तो बिलकुल नहीं बैठे।'

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