आइए जानिए, ​​​​​​​पीसीओडी के लक्षण के विषय में

पीसीओडी (PCOD) यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसीज़ या सिंड्रोम। यह स्त्रियों में पाया जानेवाला बहुत ही सामान्य रोग है व बहुत बड़ी संख्या में (लगभग 90 लाख) युवा महिलाएं इससे पीड़ित हैं।

हैरानी की बात यह है कि इनमें से भी 60% को यह पता नहीं रहता कि उन्हें यह रोग है। एक व़क्त था जब यह मिडल एज डिसीज़ मानी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। इस रोग में स्त्रियों में संभोग हार्मोंस के असंतुलन के चलते ओवरी में सिस्ट यानी गांठें बन जाती हैं, जिस वजह से गर्भधारण में समस्या होती है। ग़लत खानपान, तनाव, मोटापा, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर आदि के कारण भी पीसीओडी की समस्या हो जाती है। लेकिन योग के ज़रिए आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं। योग से आपके पीरियड्स और हार्मोंस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इस वीडियो में 4 योगासन बताए गए हैं- पश्‍चिमोत्तानासन, धनुरासन, सर्वांगासन व हलासन, ये 4 योगासन करके आप पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) से सरलता से छुटकारा पा सकती हैं।
कम आयु की लड़कियों को भी हो रहा है पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) आज की भागदौड़ भरी व तनाव भरी ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा हमारी स्वास्थ्य प्रभावित हो रही है। जो रोग पहले 40-50 की आयु में होते थे, वो रोग अब बच्चों को भी होने लगे हैं। स्त्रियों में भी बड़ी आयु में पाया जानेवाला रोग पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) अब कम आयु की लड़कियों में भी दिखाई देने लगा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है ग़लत लाइफस्टाइल, गलत खानपान, तनाव, फैट की चर्बी आदि।
पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) के लक्षण 1) अनियमित पीरियड्स यानी मासिक धर्म समय पर न आना 2) चेहरे, छाती, पेट, पीठ पर अधिक बाल उगना 3) आकस्मित वज़न बढ़ जाना 4) मां न बन पाना 5) इमोशनल इंबैलेंस यानी बेवजह चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन, भावुक हो जाना आदि 6) स्किन ऑयली हो जाना, चेहरे पर पिंपल्स, दाग-धब्बे हो जाना, बार-बार डैंड्रफ हो जाना 7) कई स्त्रियों को ओवरी में सिस्ट भी हो जाता है
पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) से छुटकारा पाने के घरेलू तरीका पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) को नज़रअंदाज़ करना अच्छा नहीं है। पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) के बारे में पता चलते ही इसका उपचार ज़रूर कराएं। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाकर आप पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) से जल्दी ही छुटकारा पा सकती हैं।
1) हेल्दी खाना खाएं व जंक फूड से परहेज करें। 2) नियमित रूप से योग, ध्यान व एक्सरसाइज़ करें। 3) रात में जल्दी सोएं व प्रातः काल जल्दी उठें। 4) तनाव से दूर रहें। 5) अच्छी किताबें पढ़ें, अच्छा संगीत सुनें, अपने शौक के लिए समय निकालें। 6) फैट की चर्बी न बढ़ने दें। 7) पीसीओडी (PCOD) / पीसीओएस (PCOS) के बारे में पता चलते ही अपना उपचार कराएं।

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