कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिला को कितना होता हैं खतरा, पढ़े

कोरोना वायरस ने पूरी संसार को अपनी चपेट में ले लिया है. हिंदुस्तान में भी कोविड-19 के मुद्दे बढ़ रहे हैं. लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं. यहां हम दुनिया स्वास्थ्य संगठन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाएंगे.

कोविड-19 से संक्रमित गर्भवती महिला को ज्यादा खतरा होता है? अभी तक के शोध में संक्रमित गर्भवती स्त्रियों में ऐसे कोई खास लक्षण नहीं दिखे हैं, जिसके आधार पर बोला जा सके कि इस कोविड-19 महामारी का असर उन पर सामान्य संक्रमितों से कुछ ज्यादा या अलग तरह का है. उन्हें भी दूसरे लोगों जैसे फ्लू के लक्षण महसूस हो सकते हैं. इस संक्रमण में निमोनिया जैसे गंभीर लक्षण ज्यादातर बुजुर्ग व्यक्तियों व उन लोगों में ही देखे गए हैं, जिन्हें पहले से अस्थमा व डायबिटीज जैसी बीमारियां थीं व जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता एक सामान्य आदमी के मुकाबले निर्बल थी.
मुझे शुगर की समस्या है. चिकित्सक ने मुझे ज्यादा सावधान रहने को बोला है. ऐसा क्यों? हमारे शरीर में संक्रमण से लड़ने का कार्य सफेद रक्त कोशिकाओं का होता है. खून में शर्करा का स्तर इन कोशिकाओं के कार्यों पर प्रभाव डालता है. कई शोध साबित करते हैं कि ब्लड शुगर का थोड़ा-सा बढ़ना भी संक्रमण व उससे होने वाली दिक्कतों को बढ़ा देता है. वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट तपस्विनी प्रधान के अनुसार, 'खासकर सफेद चीनी कम खाएं. देखा गया है कि एक चम्मच चीनी इम्यून सिस्टम को अगले दो घंटे के लिए 50 प्रतिशत तक कम कर देती है. अगर कोई दिन भर में कई बार चाय, कॉफी या मीठी चीजें खाता है, तो इम्यून सिस्टम निर्बल होने का खतरा बढ़ जाता है.'
क्या घर में बना मास्क अच्छा है? स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक, घर में बने मास्क पहनने से बड़े पैमाने पर लोग संक्रमण से बच सकते हैं. कुछ राष्ट्रों में इस तरह के मास्क के प्रयोग से लाभ मिला है. घर पर बनाया गया मास्क संक्रमित आदमी के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों (ड्रॉपलेट) को आप तक पहुंचने से रोकता है. हालांकि इसे रोज धोकर प्रयोग में लाना चाहिए. साथ ही मास्क लगाने के बावजूद, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना चाहिए.

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