मुफ्त राशन के माध्यम से 2537 करोड़ रुपए का सहयोग दिल्ली के लोगों को दिया जा रहा है - मनोज तिवारी

नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए आज दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी, मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश साहिब सिंह, गौतम गंभीर व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई. इस बैठक में सांसदों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखते हुए कोरोना महामारी के संकट से निपटने के दिल्ली सरकार के सामने अनेक सुझाव रखे और कहा कि दिल्ली सरकार को जहां भी जरूरत होगी दिल्ली के सभी सांसद साथ में खड़े रहकर अपनी सेवाएं देने को तैयार है.

दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार की ओर से बने हुए खाने को लेकर मिल रही शिकायतों को मुख्यमंत्री केजरीवाल के सामने रखा और जल्द से जल्द इस मामले को लेकर कार्रवाई करने की बात कही. तिवारी ने बताया कि दिल्ली में कई ऐसे वर्ग के लोग हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और उन्हें पोर्टल के जरिए ई-कूपन निकालना नहीं आता है जिसके कारण उनसे कई लोग पैसे लेकर ई-कूपन दे रहे हैं. हमें एनजीओ की सहायता से ऐसे लोगों पर निगरानी रखनी पड़ेगी जिससे गरीबों को राशन लेने के लिए ई-कूपन मिल सके और इस धांधली को रोका जा सके.
पूरा देश इन दिनों कोरोना महामारी के संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है और सभी पार्टियां राजनीति से ऊपर उठकर अपने-अपने स्तर पर इस महामारी से निपटने के लिए काम कर रही है, ऐसे में किसी भी प्रकार की राजनीतिक बयानबाजी अनुचित और अशोभनीय है. विधायक फंड को कोरोना महामारी की जंग में उपयोग करने का सुझाव देते हुए तिवारी ने कहा कि दिल्ली के सभी सांसदों ने अपनी सांसद निधि के फंड को देश से कोरोना वायरस के दंश को निकलने के लिए लगा दिया है. दिल्ली के विधायक भी अगर इसमें सहयोग करते हैं तो इससे दिल्ली में रह रहे लोगों को काफी मदद मिल सकेगी.
तिवारी ने कहा कि इस संकट की घड़ी में दिल्ली भाजपा भी दिल्ली सरकार की ओर से 10 लाख लोगों के लिए बन रहे खाने की किचन में अपना सहयोग देना चाहती है लेकिन जानकारी के अभाव में ऐसा कर नहीं पा रही है. इसलिए सभी सांसदों के पास उन केंद्रों की जानकारी होनी जरूरी है जहां भोजन तैयार किया जा रहा है. जमात के लोगों के कारण दिल्ली में बढ़े कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दिल्ली सरकार को सख्त से सख्त निर्णय लेना चाहिए ताकि अन्य लोगों को भी इससे सबक मिले और वो लॉकडाउन की अवहेलना न करें और वह खुद को और अपने परिवार को कोरोना महामारी के संक्रमण से सुरक्षित रखे.
दिल्ली सरकार को तीनों एमसीडी के रुके हुए फंड को तत्काल प्रभाव से रिलीज करने का सुझाव देते हुए तिवारी ने कहा दिल्ली के लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पूरी दिल्ली लॉक डाउन है और सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित हैं लेकिन नगर निगम के कर्मचारी सड़कों पर दिल्ली की सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि फंड की कमी के कारण दिल्ली को साफ और स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम के सफाई कर्मचारियों का काम प्रभावित ना हो.
मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को सहयोग किए जाने के बारे में भी जानकारियां दीं. उन्होंने बताया दिल्ली में 46 लाख लोगों को जनधन योजना के माध्यम से 690 करोड़ रुपए दिए गए. उज्जवला योजना के माध्यम से केंद्र सरकार 836 करोड़ रुपए दिल्ली के लोगों को दे रही है जिससे अगले 3 महीने तक का सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा. सीनियर सिटीजन, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं को 243 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी. 768 करोड़ रुपए की लागत से गरीब लोगों को राशन मुफ्त वितरित किया जा रहा है! कुल मिलाकर 2537 करोड़ रुपए का सहयोग केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के लोगों को दिया जा रहा है.
सांसद मीनाक्षी लेखी ने मेडिकल स्टाफ के लिए पीपीई किट की कमी को पूरा करने के लिए कुछ कंपनियों के सुझाव दिए जो पीपीई किट उपलब्ध करा रही है. लेखी ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से जो भी अधिकारी लोगों के लिए भोजन या खाद्य सामग्री की व्यवस्था कर कर रहे हैं उनकी जानकारी सभी सांसदों के पास होनी चाहिए ताकि वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को आवश्यक सहायता के लिए सही और संक्षेप जानकारी दे सके. लेखी ने दिल्ली सरकार को कंस्ट्रक्शन सेस के 3-4 हजार करोड़ फंड को भी दिल्ली में कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए उपयोग करने का सुझाव दिया.
करोल बाग की जनकल्याण अस्पताल के बंद होने पर चिंता जताते हुए लेखी ने कहा कि यह बहुत ही हैरानी की बात है कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल को बंद किया जा रहा है जहां बहुत सारे लोग डायलिसिस के लिए आते हैं. कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें बेड की आवश्यकता है ऐसे में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के भी क्षेत्रीय अधिकारी व डायलिसिस सेंटर की जानकारी सांसदों के पास होनी चाहिए जिससे लोगों को समय पर मदद मिल सके.
लोगों को राशन के लिए ऑनलाइन लिंक पर रजिस्टर करने में समस्या आ रही है इसके लिए भी कोई अन्य उपाय करने की जरूरत है जिससे कोई भी राशन से वंचित ना रहे. दिल्ली को उच्च स्तर पर सैनिटाइज करने की जरूरत है जिसके लिए नगर निगम के कर्मचारी काम कर रही हैं ऐसे में दिल्ली सरकार की ओर से पुराने फंड के साथ ही अधिक फंड मुहैया कराया जाना चाहिए ही और उनकी गाड़ियों की व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है.
रमेश बिधूड़ी ने कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न हुए संकट में राजनीति न करने का निवेदन किया और कहा कि इस समय सभी राज्य अपने अपने स्तर पर कोरोना महामारी से लड़ रहा है और राज्य सरकार लोगों को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रही है ऐसे में सभी राज्य सरकारों की समान रूप से सराहना होनी चाहिए. बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली को सैनिटाइज करने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकता है और संक्रमण के कारण बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार के स्टेडियम को बतौर आइसोलेशन सेंटर के रूप में तैयार करवाया जा सकता है.
एलएनजेपी अस्पताल में पानी की समस्या से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को अवगत कराते हुए बिधूड़ी ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाए क्योंकि कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि वहां मरीजों के लिए पानी और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था में कमी है. सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों से अपील करें कि मरकज से जुड़े लोग खुद ही सामने आए और अपनी जानकारी दें ताकि समय रहते उनकी जांच हो सके और उन्हें बचाया जा सके साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों का भी इलाज हो सके.
राशन बंटवारे को लेकर अपने सुझाव देते हुए सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण दिल्ली की में गरीब तबके के लोग प्रभावित हो रहे हैं. दिल्ली सरकार के पास फंड है जिससे वह 1 महीने के लिए ऐसे राशन को लेकर ऑनलाइन औपचारिकता को खत्म करके सभी को राशन मुहैया करवा सकती है. दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सुझाव देते हुए सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों को बढ़ते संक्रमण को देखते उससे निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और पुख्ता करना होगा और स्वास्थ्य संबंधी सभी उपकरणों की व्यवस्था रखनी होगी.
दिल्ली के छोटे-छोटे उद्योगपतियों की परेशानी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने रखते हुए गंभीर ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान छोटे उद्योगों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है ऐसे में 2 महीने के लिए इनके बिजली को बिल माफ कर देना चाहिए.

अन्य समाचार