लॉकडाउन में आवारा कुत्तों का बढ़ा आतंक, 20 दिन से एंटी रैबीज नहीं

-हर दिन 30 से 40 लोग कुत्ते का शिकार हो पहुंच रहे अस्पताल

-दवा दुकानों में भी एंटी रैबीज का नहीं मिल रहा इंजेक्शन
-आम लोगों की बढ़ी परेशानी
-सीएस ने कहा कि दवा के लिए दी गई है ऑडर पर 16 फरवरी से ही बंद है सप्लाई
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : लॉकडाउन में होटलों के बंद रहने व अन्य सभी तरह की दुकानें बंद रहने से आवारा कुत्तों के समक्ष भी भोजन के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में भुखे आवारा कुत्ते सड़कों व गलियों से गुजरने वाले लोगों को शिकार बना रहे हैं। डॉग बाइट की शिकार होने के बाद लोगों को सदर अस्पताल व पीएचसी में पहुंचने के बाद उन्हें एंटी रैबीज नहीं मिल रही है। सदर अस्पताल प्रशासन की मानें तो यहां पर 20 दिन पहले से ही एंटी रैबीज का स्टॉक खत्म हो गया है। जबकि यहां पर हर दिन डॉग बाइक का शिकार होकर 40-45 लोग आते हैं।

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एंटी रैबीज के लिए हर दिन होता है स्वास्थ्यकर्मियों से नोकझोंक
एंटी रैबीज नहीं रहने के कारण आए दिन सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों व नर्सों से नोकझोंक होती रहती है। कर्मियों के लाख समझाने के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं होते हैं। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद लोग शांत होते हैं।
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डॉग बाइट के शिकार हुए परिजनों की जानें पीड़ा
लॉकडाउन में आवारा कुत्तों के शिकार हुए रहुई के तूफानगंज निवासी मनोज मांझी, शंकर रविदास, भागन बिगहा गांव निवासी उमेश रजक आदि ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से एंटी रैबीज दवा के लिए अस्पताल का चक्कर काट रहा हूं। पर यहां पर दवा नहीं आने की बात कह चला दिया जाता है। सबसे बड़ी परेशानी की बात तो यह है कि बाहर की दवा दुकानों में भी एंटी रैबीज नहीं मिल रही है। ऐसे में हम जाएं तो जाएं कहां। बहरहाल एंटी रैबीज नहीं मिलने से आवारा कुत्तों के शिकार होने वाले मरीजों व उनके स्वजनों की चिता सताने लगी है।
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बोले सीएस सदर अस्पताल में एंटी रैबीज का स्टॉक 20 दिन पहले खत्म हो गया। हालांकि दवा का स्टॉक खत्म होने से पहले ही ऑडर दे दिया गया था लेकिन 16 फरवरी के बाद से आज तक दवा की सप्लाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि एंटी रैबीज नहीं होने से मरीजों की परेशानी बढ़ी है। इसमें कोई दो राय नहीं है। सदर अस्पताल में जल्द से जल्द एंटी रैबीज उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. राम सिंह
सिविल सर्जन, बिहारशरीफ, नालंदा
Posted By: Jagran
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