पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने से वंचित हुए पुत्र

लॉकडाउन के कारण हरियाणा से नहीं पहुंच सके मृतक के तीन बेटे

बाहर रहे तीन पुत्रों की अनुपस्थिति में ही होगा पिता का श्राद्ध कार्यक्रम संसू., मेदनी चौकी (लखीसराय) : कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण पिता की मृत्यु के बाद भी उनके तीन बेटे घर नहीं पहुंच सके। इस कारण पुत्रों को अपने पिता का अंतिम संस्कार में शामिल होने से वंचित रहना पड़ा। आगे श्राद्ध कार्यक्रम भी तीन पुत्रों की अनुपस्थिति में ही होने की उम्मीद है। क्षेत्र के झपानी निवासी कुशेश्वर साव (68) की मृत्यु गत शुक्रवार की देर रात हो गई। वे पिछले दो वर्षों से बीमार चल रहे थे। हाल में वे लकवाग्रस्त हो गए थे। लॉकडाउन के कारण समुचित इलाज नहीं हो पा रहा था। मृतक के चार पुत्रों में तीन पुत्र हरियाणा के रोहतक एवं बल्लबगढ में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं। लॉकडाउन की वजह से तीनों वहीं फंसे हुए हैं। शुक्रवार की देर रात कुशेश्वर साव की मृत्यु के बाद बड़ा पुत्र कृष्ण साव ही घर पर था। ग्रामीणों के सहयोग से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। जबकि अन्य तीन पुत्र क्रमश: मनोहर कुमार, घनश्याम कुमार एवं गौतम कुमार को पिता का अंतिम दर्शन भी नहीं हो सका। मृत कुशेश्वर साव भी मजदूर थे। उनके बीमार होने के बाद घर की माली हालत काफी खराब हो गई थी। इस कारण सभी तीनों पुत्र हरियाणा के रोहतक में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने चले गए थे। लॉकडाउन की वजह से पुत्रों के अलावा अन्य रिश्तेदार भी उनकी अंत्येष्टि में नहीं पहुंच सके। पुत्र कृष्ण कुमार ने बताया कि मुखिया द्वारा उनके पिता की मौत पर बीपीएल परिवारों को मिलने वाली कबीर अंत्येष्टि योजना का लाभ भी नहीं दिया गया है।
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Posted By: Jagran
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