ऑनलाइन शिक्षा के प्रसार में वाट्सएप बन रहा मददगार

पूर्णिया। प्रदेश में जारी लॉकडाउन के बीच सभी शिक्षण संस्थान पिछले लगभग एक महीने से बंद है। कक्षाएं स्थगित हैं। ऐसे में छात्र-छात्राओं को घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कराने में वाट्सऐप मददगार साबित हो रहा है। इससे शिक्षा का प्रसार भी ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी तक हो रहा है।

सामान्यतया अब तक वाट्सऐप का उपयोग संदेश एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान, ग्रुप के माध्यम से सभी सदस्यों तक विचारों की अभिव्यक्ति, संस्थानों में नीति-निर्देशों का अनुपालन समेत अन्य चीजों में होता आ रहा है। अब कोरोना लॉकडाउन के कारण वाट्सऐप के उपयोग का दायरा बढ़ रहा है। विभिन्न निजी एवं सरकारी शिक्षण संस्थान इसका उपयोग अब ऑनलाइन शिक्षा के प्रसार के माध्यम के रूप में कर रहे हैं। ताकि कक्षाएं एवं कोचिंग संस्थान बंद रहने से क्लास की क्षतिपूर्ति हो सके। हालांकि यह पूरी तरह से संभव नहीं है। इसके बावजूद शिक्षण संस्थान अपने स्तर से इसके उपयोग को सफल करने में जुटी है।

स्कूल एवं कॉलेज का व्यावसायिक पाठ्यक्रम हो या शैक्षणिक पाठ्यक्रम। इसको वर्ग एवं विषयवार विद्यार्थी तक पहुंचाने के लिए वाट्सऐप ग्रुप उपयोग में लाया जा रहा है।
पूर्णिया महिला कॉलेज में एप के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। यहां बीए, बीएससी एवं बीकॉम की पढ़ाई गूगल क्लास रूम एप के माध्यम से और बीसीए की पढ़ाई व्हाटसएप ग्रुप बनाकर की जा रही है। ताकि छात्राओं को शिक्षण संस्थान बंद रहने से क्लास रूम में होने वाली पढ़ाई की सुविधा मिल सके।
इधर पूर्णिया कॉलेज में भी बीसीए एवं बीबीए की वाट्सऐप के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। इसके लिए बीसीए सेमेस्टर, बीसीए ऑनर्स एवं बीबीए का अलग-अलग वाट्सऐप ग्रुप बनाकर यह पहल शुरू की गई है। इससे कॉलेज के लगभग तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं।
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मोहनलाल बजाज में वाट्सऐप ग्रुप बनाकर पढ़ाई--
मोहन लाल बजाज बालिका उच्च विद्यालय गुलाबबाग में कक्षा नवम एवं दशम की पढ़ाई वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से हो रही है। प्रधानाध्यापिका कुमारी किरण ने बताया कि विद्यालय के सभी छात्राओं की पढ़ाई ऑनलाइन संगणक शिक्षक आकाश आनंद द्वारा चलाई जा रही है। वाट्सऐप ग्रुप में छात्राओं को समय-समय पर शिक्षण सामग्री दी जाती है। इसको समझने में किसी तरह की परेशानी होने पर उसका समाधान कर ग्रुप में पुन: भेजा जाता है। छात्राओं को इससे काफी मदद मिल रही है।
Posted By: Jagran
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