कोरोना संकट से बचाव को जंग में उतरी आधी आबादी

गोपालगंज : वैश्विक महामारी कोरोना संकट में आधी आबादी भी पुरुषों की तरह अग्रिम पंक्ति में खड़ी होकर लड़ाई लड़ रही हैं। चाहे देश के विभिन्न प्रांत अथवा विदेश से लौटने वाले लोगों का डाटा बेस तैयार करने का कार्य हो अथवा फेस मास्क बनाने का कार्य हो। हर क्षेत्र में महिलाएं आगे आ चुकी हैं। लगातार इनके प्रयासों का ही नतीजा है कि जिले में कोरोना संदिग्धों पर लगातार नजर रखी जा रही है और यह आंकड़ा जिले में तीन से आगे नहीं बढ़ सका है।

वर्तमान समय में जिले की आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को देश के अलग-अलग राज्य तथा विदेश से लौटे लोगों की पहचान तथा गांव-गांव में कोरोना के लक्षण से जुड़े लोगों को चिन्हित करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस जिम्मेदारी में जिले के 2278 आंगनबाड़ी सेविका तथा 1209 आशा कार्यकर्ताओं को सौंनी गई है। तमाम आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तेज धूप के बावजूद प्रत्येक दिन डोर-टू-डोर भ्रमण कर एक-एक व्यक्ति का डेटाबेस तैयार कर रही है। संक्रमित मरीजों की पड़ताल के साथ ही परिवार में बीमार लोगों की हाल-चाल लेने की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधे पर है। कोरोना वायरस की जानकारी लोगों से साझा करने के साथ-साथ उन्हें सावधान और सतर्क रहने की पाठ पढ़ा रही है। घर-घर अपनी टीम के साथ पहुंच रही आशा को विभाग की ओर से एक खास प्रपत्र उपलब्ध कराया गया है। इस प्रपत्र में आशा 15 बिदुओं पर जानकारी इकट्ठा कर रही है। इस प्रपत्र के माध्यम से आशा कार्यकर्ता व उनकी टीम परिवार के सदस्यों की फिलहाल स्थिति, सर्दी, खांसी बुखार या अन्य बीमारी सहित उनकी यात्रा हिस्ट्री की जानकारी ले रहीं हैं। शायद यह पहला अवसर है जब वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान गांव के लोगों की सर्वे एवं डाटा बेस तैयार करने के लिए एक साथ इतनी आशा व आंगनबाड़ी सेविका को लगाया गया हो। कोरोना योद्धा के रूप में आशा व सेविका भी हर घर दस्तक देते हुए एक-एक बिदुओं की पड़ताल कर रही है। खासकर उनका फोकस वैसे लोगों पर होता है जो विदेश एवं अन्य राज्यों से आए हुए हैं। परिवार में रह रहे 60 साल अधिक उम्र के लोगों की भी जानकारी फॉर्मेट के माध्यम से इकट्ठा की जा रही है। इसका मकसद जरूरत पड़ने पर सर समय उन्हें मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना है।
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इनसेट
सभी चौदह प्रखंड में चल रहा है डाटाबेस तैयार करने का कार्य
गोपालगंज : स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्धारित किए गए फार्मेट में जिले के सभी 14 प्रखंड में डाटाबेस तैयार करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। सर्वे अभियान के दौरान आशा हर घर पहुंच कर 15 बिदुओं जानकारी प्राप्त कर रही हैं। आशा के द्वारा जिन बिदुओं की जानकारी प्राप्त की जा रही है उनमें गांव का नाम, घर के मुखिया का नाम, परिवार में कितने लोगों को खांसी जुखाम और बुखार है? कौन-कौन से लोग विदेश एवं दूसरे राज्यों से आए हैं? परिवार में 60 वर्ष से अधिक उम्र के कितने लोग हैं? क्या वे शुगर, बीपी एवं हृदय रोग से पीड़ित है? चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं या नहीं? किस डॉक्टर की देखरेख में उनका इलाज हो रहा है? आदि बिदु शामिल है।
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Posted By: Jagran
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