मासिक टिकट कटाने वाले यात्रियों को भूल गया रेलवे

बक्सर : कोरोना संक्रमण से जंग शुरू होने के बाद रेलवे यात्रियों की सहूलियत के लिए कई घोषणाएं कर रहा है, लेकिन मासिक टिकट कटाने वाले यात्रियों पर कोई बात नहीं हो रही है। एक से दूसरे शहरों में जाकर नौकरी और व्यवसाय करने वाले अधिकांश मध्यम वर्गीय और कमजोर तबके के लोग मासिक टिकट यानी एमएसटी कटा कर ट्रेनों में यात्रा करते हैं। लॉकडाउन शुरू होने के कारण कई ऐसे यात्री हैं जो मासिक टिकट का अग्रिम भुगतान करने के बाद दो-चार दिन ही यात्रा कर सके।

रेलवे ऐसे यात्रियों को लॉकडाउन खुलने के बाद राहत देने के बारे में भी कोई बात नहीं कर रहा है। बक्सर के सतीश कुमार कूरियर का काम करते हैं और रोज ट्रेन से पटना आते-जाते हैं। सतीश ने बताया कि 19 मार्च को उन्होंने बक्सर से पटना तक का एमसटी लिया, लेकिन एक दिन ही यात्रा कर पाए और लॉकडाउन लग गया। इस बीच उनका रोजगार भी बंद है और उन्हें चिता है कि लॉकडाउन के तुरंत बाद फिर एमएसटी कटाने के लिए 460 रुपये वे कहां से लाएंगे? इस समस्या से जूझने वाले समीश अकेले नहीं हैं, आरा से बक्सर में आकर फूड-स्टॉल में काम करने वाले मोहित की भी यही कहानी है। लॉकडाउन के कारण फूड-स्टॉल बंद हो गया और आमदनी भी रुक गई। अब उन्हें 15 मार्च को कटाया अपना एमएसटी बर्बाद होता दिख रहा है। रेल यात्री कल्याण समिति के दानापुर मंडल के संयोजक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि दैनिक यात्रियों की इस समस्या पर रेलवे कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबकि, एमएसटी कटाकर ट्रेनों में यात्रा करने वाला तबका अभी खुद लॉकडाउन में मुश्किलों को झेल रहा है। यात्री कल्याण समिति की डुमरांव शाखा के अध्यक्ष धीरज कुमार ने रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों को रेलवे पैसे वापस करने की बात कह रहा है। मासिक टिकट कटाने वालों के लिए भी कोई फार्मूला लाना चाहिए, जिससे ट्रेन परिचालन शुरू होने के बाद इस साल मार्च महीने में मासिक टिकट लेने वालों को कुछ दिनों की राहत मिलनी चाहिए। जिसके तहत वे मार्च में कटाए अपने टिकट पर लॉकडाउन के बाद अगले 15 या 20 दिनों तक यात्रा कर सकें। इस संबंध में दानापुर मंडल के सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि इस संबंध में अभी कोई दिशानिर्देश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि एमएसटी यात्रियों के लिए टिकट दर पहले से ही बहुत न्यूनतम है।
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Posted By: Jagran
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