मांझी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत तीन से स्पष्टीकरण का आदेश

- मामला मनमाने ढंग से आठ एएनएम का केंद्र बदलने का

जासं, छपरा : जिलास्तर पर पदस्थापित एएनएम का केंद्र मनमाने तरीके से बदले जाने को लेकर सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने मांझी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (प्रशासनिक) समेत तीन कर्मियों से स्पष्टीकरण किया है। उनसे दो दिनों में जवाब देने को कहा है।
बताया जाता है कि 12 अक्टूबर 2019 को 23 एएनएम ने योगदान किया। उनको 18 दिनों तक प्रखंड मुख्यालय में ही रोककर रखा गया। इसके बाद 30 अक्तूबर को निर्धारित केंद्र बदल कर आठ एएनएम को दूसरे जगह प्रतिनियुक्ति कर दिया गया। मामले ने तब तूल पकड़ा, जब एएनएम के वेतन भुगतान को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। एएनएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वेतन भुगतान की मांग को लेकर हंगामा किया। मामला जिला मुख्यालय पहुंचा । सिविल सर्जन ने स्थापना लिपिक से रिपोर्ट तलब की। लिपिक ने रिपोर्ट दी है कि जिला स्थापना प्राधिकार ने सभी एएनएम को सीधे स्वास्थ्य उपकेंद्र पर पदस्थापित किया, लेकिन 12 अक्टूबर को योगदान करने वाली एएनएम की प्रतिनियुक्ति स्वास्थ्य प्रबंधक विश्वजीत कुमार तथा स्वास्थ्य प्रशिक्षक मोहम्मद जाहिर ने मनमाने ढंग से कर दी। इस कारण एएनएम के योगदान तथा पदस्थापना से संबंधित संचिका स्थापना लिपिक को नहीं मिली। जब एएनएम ने वेतन के लिए हंगामा शुरू किया गया तो, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी(प्रशासनिक) ने वेतन भुगतान करने के लिए स्थापना लिपिक पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। लिपिक के मुताबिक ऐसा करना वित्तीय अनियमितता है। सिविल सर्जन ने कहा है कि लॉटरी के माध्यम से एएनएम के स्वास्थ्य उप केंद्रों का चयन पूरी पारदर्शी तरीके से कराया गया था, जिसमें किसी भी स्तर पर फेरबदल नहीं किया जा सकता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (प्रशासनिक) का ऐसा करना स्वेच्छाचारिता तथा मनमानी का परिचायक है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को भी अनुशंसा की जाएगी। उन्होंने एएनएम की पदस्थापना से संबंधित संचिका स्थापना लिपिक को अविलंब उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है।
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Posted By: Jagran
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