जून में हो सकती है JEE-MAIN की परीक्षा, HRD मिनिस्टर बोले- छात्रों-शिक्षकों की सुरक्षा सबसे अहम

लॉकडाउन के कारण बोर्ड और अन्य मुख्य परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं, जो कि छात्रों का भविष्य तय करती हैं.केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कोरोनावायरस के चलते देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण छात्रों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर बातचीत की.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के बढ़ने पर अकादमिक कैलेंडर पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस पर बात करते हुए रमेश पोखरियाल ने कहा, "शैक्षणिक सत्र में देरी होने की संभावना है. फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के फिर से खुलने के बाद होंगी और इसी के बाद नए बैच के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें लगभग एक महीना लग सकता है."
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने के बाद ही प्रथम वर्ष के छात्रों को यूजी और पीजी प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाएगा. परीक्षाओं और अकादमिक कैलेंडर से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, लेकिन छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा हमारी पहली प्रथामिकता है."
वहीं जब 14 अप्रैल को लॉकडाउन को खत्म होने की चर्चा हो रही थीं तो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने JEE-MAIN परीक्षा मई के आखिरी हफ्ते में कराने की घोषणा कर दी थी.
इस पर जब रमेश पोखरियाल से पूछा गया कि क्या अभी ऐसे समय में परीक्षा की उम्मीद करना संभव है, तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "JEE-MAIN परीक्षा के जून में आयोजित होने की संभावना है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय अगली तारीखों की घोषणा करने से पहले JEE और NEET के तार्किक संचालन में शामिल परीक्षाओं, आईआईटी और अन्य एजेंसियों के बोर्ड जैसे स्टैकहॉल्डर्स से परामर्श कर रहा है. उच्च शिक्षा के लिए ऑनलाइन परीक्षा के संचालन की संभावना का आकलन करने के लिए एचआरडी मंत्रालय ने यूजीसी के तहत एक टास्क फोर्स का गठन किया है. टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे."
सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं देर से होंगी तो अगले बैच की बोर्ड की पढ़ाई भी देर से ही शुरू होगी. ऐसे में 2021 बोर्ड परीक्षाओं के लिए पहले से ही तैयारी की जा रही हैं. समय के कारण छात्रों की पढ़ाई को होने वाले को नुकसान को देखते हुए उनके सिलेबस को भी कम करने पर काम किया जा रहा है.
इसके अलावा केंद्र सरकार की कोशिश है कि दूसरें राज्यों के कमजोर वर्ग के छात्रों तक शिक्षा पहुंचाई जाए. इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्वयं प्रभा नाम से चैनल चला रहा है, जिसपर छात्रों को शिक्षा संबंधी सामग्री मिल सके. साथ ही मंत्रालय ऑल इंडिया रेडियो के जरिए छात्रों तक पहुंचने के विकल्प का भी पता कर रहा है.

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