Covid-19: आयुर्वेद की अमृता यानी गिलोय, इस चमत्कारी पत्ते का ड्रिंक सुधारेगा इम्यून सिस्टम

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) अब तक दुनियाभर में लाखों लोगों को अपना शिकार बना चुका है। हेल्थ एक्सपर्ट का दावा है कि यह जानलेवा वायरस उन लोगों को चपेट में जल्दी लेता है जिनका इम्यून सिस्टम (Immune system) मजबूत नहीं है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हम तमाम तरह के उपाय करते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसके लिए एक से बढ़कर एक उपाय हैं और उन्हीं उपायों में से एक है औषधीय गुणों से भरा गिलोय। गिलोय या गुडुची, जिसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, इसका आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान है। इसके खास गुणों के कारण इसे अमृत के समान समझा जाता है और इसी कारण इसे अमृता भी कहा जाता है।

नीम के पेड़ पर लटकती गिलोय (Giloy) की बेल का काढ़ा बनाकर इन दिनों ग्रामीण इलाकों में लोग खूब सेवन कर रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन दिनों गिलोय की डिमांड भी खूब बढ़ी है। रोजाना सुबह इसके पत्तों का पानी छानकर पीने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर को नुकसान देने वाले बैक्टीरिया और इंफेक्शन को दूर करने में भी यह काफी कारगर है। अगर आपकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो तो आपको बदलते मौसम में अक्सर सर्दी-जुकाम या खांसी हो जाती है या फिर आपको जल्दी बुखार हो जाता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय अचूक औषधि है। गिलोय का जूस पीने से हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों में सुरक्षा देता है। गिलोय की पत्तियों और तनों से सत्व निकालकर इस्तेमाल में लाया जाता है। गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर का माना जाता है। यह तैलीय होने के साथ साथ स्वाद में कडवा और हल्की झनझनाहट लाने वाला होता है। यह टाइफाइड, मलेरिया, कालाजार, डेंगू, विषम ज्वर, कफ, उल्टी, बेहोशी, पीलिया, धातु विकार, पील पांव, यकृत निष्क्रियता, सिफलिश, यहाँ तक कि कुष्ठ रोग में भी औषधि का कार्य करती है।

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