विदेशी प्रभेद की सब्जी से लहलहाएगा कोसी

सहरसा। बाढ़ की विभीषिका झेल रहे कोसी क्षेत्र में अब विदेशी प्रभेद की सब्जियों की खेती होगी। उद्यान विभाग ने कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में समन्वित उद्यानिक फसल योजना से न सिर्फ शंकर प्रभेद की सब्जियों की खेती की योजना तैयार की गई है बल्कि मांग के अनुरूप विदेशी प्रभेद की सब्जियों की खेती कराने की भी तैयारी कर लिया गया है।

इस सब्जियों में उत्पादित विदेशी प्रभेद की सब्जियां पटना समेत राज्य की सभी बड़ी मंडियों में भेजी जाएगी। इससे किसान लाभांवित होंगे और पिछड़े कोसी क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा।
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खेती के लिए किसानों को 90 फीसद मिलेगा अनुदान
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परंपरागत खेती के कारण कोसी क्षेत्र के किसान अर्थाभाव से जूझ रहे हैं। वहीं दियारा क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर भूमि बेकार पड़ी रह जाती है। इस योजना से जहां दियारा क्षेत्र की बेकार पड़ी जमीन का सदुपयोग होगा, वहीं अन्य क्षेत्र के किसान भी परंपरागत खेती को छोड़ शंकर व विदेशी प्रभेद की सब्जियों की खेती कर मुनाफा कमाएंगे। समन्वित उद्यानिक फसल योजना से सब्जी की खेती करनेवाले किसानों को खेती की कुल लागत पर विभाग द्वारा 90 फीसद अनुदान दिया जाएगा। महज दस फीसद खर्च कर किसान सब्जी की उन्नत खेती कर पाएंगे।
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मंडियों से इकट्ठा कर राज्य के अन्य भागों तक पहुंचेगी सब्जी
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जिले के सभी दस प्रखंडों में सहकारिता विभाग द्वारा आइसीडीपी योजना से मंडी स्थापित की जा रही है। सब्जी की खेती के लिए इन मंडियों का भी उपयोग किया जाएगा। प्रखंड स्तर के किसानों द्वारा उत्पादित सब्जी को मंडी में भंडारण के बाद उसे मांग के अनुसार राज्य के अन्य हिस्सों में भेजा जाएगा। प्रथम चरण में सहरसा जिले के पांच सौ हेक्टेयर और कोसी प्रमंडल में 12 सौ हेक्टेयर में समन्वित उद्यानिक फसल योजना से कद्दू, ननुआ, भिडी, परवल, बैगन, शिमला मिर्च आदि शंकर और विदेशी प्रभेद की सब्जी की खेती की जाएगी।
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कोट विदेशी प्रभेद की सब्जियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। समन्वित उद्यानिक फसल योजना में इसकी खेती पर बल दिया गया है। शंकर प्रभेद के साथ ही विदेशी प्रभेद की सब्जी इस इलाके में उत्पादन कराने की योजना बनाई गई है। सरकार ने 90 फीसद अनुदान का भी प्रावधान किया है। इससे इलाके के किसान बेहद लाभांवित होंगे।
संतोष कुमार सुमन,
उप निदेशक, उद्यान, सहरसा।
Posted By: Jagran
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