जिले के 150 गांव में डोर-टू-डोर होगा सर्वे

मधेपुरा। लॉकडाउन की अवधि में विदेश और देश के विभिन्न महानगरों से गांव पहुंचे लोगों की जांच को लेकर जिले के 150 गांव के 72 हजार 872 घरों का डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के दौरान सर्दी खांसी के लक्षण गांव के लोगों में मिलने पर मेडिकल टीम को बुलाकर जांच कराई जाएगी। जांच के क्रम में कोरोना के संदेहास्पद लक्षण मिलने पर पीएचसी लाकर सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। वहीं संबंधित व्यक्ति को क्वारंटाइन में भेज दिया जाएगा। सर्वे के कार्य में आशा व सेविकाओं की 425 टीम को लगाया गया है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घर घर सर्वे का कार्य इन दिनों करवाया जा रहा है। जिले के 150 गांव के 72 हजार आठ सौ 72 घरों के सर्वे का काम के लिए 425 टीम को लगाया गया है। सर्वे के कार्य की देख-रेख को लेकर में सुपरवाइजर को लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर जिले के उन गांव का सर्वे करवाया जा रहा है जिस गांव में विदेश से कोई व्यक्ति लौट के आया हो। ताकि उन गांव के सभी व्यक्तियों का स्वास्थ्य जांच करवाया जा सके। लक्षण मिलने पर पीएचसी को दी जाएगी सूचना स्वास्थ्य जांच में संदिग्ध कोरोना का लक्षण मिलने वाले व्यक्ति की सूचना सर्वे टीम समीप के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उपलब्ध कराएं। सूचना मिलने पर पीएचसी के चिकित्सक उक्त स्थल पर पहुंच संदिग्ध व्यक्ति की अच्छी तरह जांच करेंगे। चिकित्सक के जांच में अगर संदिग्ध कोरोना का लक्षण प्रतीक होगा तो वैसे व्यक्ति का सैंपल लेकर जांच हेतु दरभंगा भेजा जाएगा।
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सर्वे के दौरान जिले के कुल 150 गांव के 72 हजार आठ सौ 72 घरों में रह रहे तीन लाख 24 हजार 45 लोगों की जांच की जानी है। सर्वे कार्य में 425 टीम को लगाया गया है। दो सदस्यीय सर्वे टीम में एक आंगनवाड़ी सेविका और एक आशा को शामिल किया गया है। सर्वे दल की देख-रेख के लिए 148 सुपरवाईजर को लगाया गया है। पर्यवेक्षण का काम देख रहे सुपरवाईजर का काम यह भी होगा कि अपने क्षेत्र के दवा दुकान एवं ग्रामीण चिकित्सक से संपर्क कर बुखार के साथ खांसी या सांस लेने में परेशानी वाले चिन्हित मरीजों की विवरणी एकत्रित करेंग। कोट जिले के 150 गांवों में करीब तीन लाख 24 हजार 45 लोगों की जांच पड़ताल सर्वे टीम के द्वारा की जाएगी। जांच में कोरोना के संदिग्ध लक्षण मिलने पर पीएचसी से मेडिकल टीम गांव भेजी जाएगी। मेडिकल जांच में लक्षण मिलने पर जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा। -डॉ. सुभाषचंद्र श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, मधेपुरा
Posted By: Jagran
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