कोरोना पीड़ित महिला भी नवजात को पिला सकती हैं दूध

अररिया। अब कोरोना पीड़ित महिला भी कुछ सावधानियां बरतकर नवजात शिशु को अपना दूध पिला सकती है। दरअसल कोरोना पीड़ित महिला द्वारा अपने नवजात शिशु को दूध पिलाने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे अफवाहों पर संज्ञान लेते हुए बाल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विजय प्रकाश ने अररिया डीएम और सीएस को पत्र लिखकर नवजात शिशु को अनिवार्य रूप से मां का स्तनपान कराने को लेकर आम लोगो को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। पत्र के अनुसार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण नवजात शिशु एवं छोटे बच्चों के पोषण को बाधित होने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। महामारी के दौरान नवजात शिशु के स्तनपान एवं छोटे बच्चों के आहार को लेकर चिकित्सक, नर्स, एएनएम, आरएमएनसीएच प्लस ए काउंसिलर, ममता एवं आशा के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि यदि मां कोरोना वायरस से संक्रमित है या उसकी संभावना है तो कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चे को जन्म के पहले घंटे एवं 6 माह तक केवल मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इसके लिए संक्रमित मां कटोरे और चमच की सहायता से नवजात को अपना दूध पिला सकती है। साथ ही शिशु को संक्रमित माता से छह फीट की दूरी पर रखे जाने का निर्देश दिया गया है जबतक की मां का टेस्ट दो बार निगेटिव न आ जाए। इस दौरान शिशु की देखरेख एवं स्किन टू स्किन संपर्क के लिए घर की किसी स्वस्थ महिला का सहयोग लिए जाने का भी निर्देश दिया गया है। मगर किसी भी परिस्थिति में नवजात को छह माह तक निर्बाध रूप से मां का दूध उपलब्ध कराने के लिए आम लोगो के बीच व्यापक रूप से प्रचार- प्रसार करने का निर्देश दिया गया है। - लॉकडाउन में भी बच्चों को दे पूर्ण आहार राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विजय प्रकाश राय ने बताया शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराने से नवजात शिशु मृत्यु दर में 20 प्रतिशत तक की कमी लायी जा सकती है। वहीं छह माह तक सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया से 11 प्रतिशत एवं निमोनिया से 15प्रतिशत तक कम मृत्यु की संभावना होती है। छह माह तक शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए एवं 6 माह के बाद शिशु को संपूरक आहार देना शुरू कर देना चाहिए। साथ ही शिशु के बेहतर विकास के लिए कम से कम दो साल तक शिशु को स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए। संपूरक आहार से बच्चे का उपयुक्त शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है तथा बच्चा कुपोषणजनित कई तरह के बीमारियों से बचा रहता है। इसलिए यह जरुरी है कि कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सक के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी नवजात शिशुओं के स्तनपान एवं शिशुओं के संपूरक आहार की जरूरत के विषय में आम-जनता को जागरूक एवं जानकारी प्रदान करें। - 6 महीने पूरे होने के बाद बच्चे को दें संपूरक आहार- जारी पत्र में बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान भी बच्चों के आहार में यथासंभव कटौती नही होने दे। शिशु के छह महीने पूरे होने के बाद उनके बेहतर मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान के साथ संपूरक आहार की जरूरत होती है। छह माह के बाद स्तनपान के साथ संपूरक आहार शिशुओं को देना चाहिए। साथ ही शिशु को 2 साल तक स्तनपान करवाना जारी रखना चाहिए। इसके लिए बच्चे को अलग से कटोरी में खाना खिलाना चाहिए। खाना बनाने, खिलाने या खाने से पहले 40 सेकंड तक पानी एवं साबुन से हाथ धोना जरुरी है। छह महीने के बच्चे को 2-3 चम्मच खाना दिन में दो से तीन बार। छह से नौ महीने के बच्चे को आधा कटोरी खाना दिन में दो से तीन बार नौ से 12 महीने के बच्चे को आधा कटोरी खाना दिन में दो से तीन बार। 1 से 2 साल तक के बच्चे को 1 कटोरी खाना दिन में 3 से 4 बार देना जरुरी है। एक घंटे के भीतर स्तनपान की करें शुरुआत जारी पत्र में बताया गया है कि शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना जरूरी होता है। साथ ही छह माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए। मां का दूध शिशु को कई तरह के संक्रमण से बचाव करता है , मां के दूध से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। स्वास्थ्य संस्था में या किसी स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा दूध की बोतलें, निप्पल या डमीज को बढ़ावा नही दिया जाना चाहिए। साथ ही माँ में बुखार, खांसी या सांस लेने में कोई तकली़फ जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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मां यदि स्तनपान नहीं करा सकती हैं तो ये करें - - अपना दूध कटोरे में निकाल लें। इसके लिए हाथों को साबुन या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से 40 सेकंड तक साफ करें। जिस कटोरी में दूध निकालें उसे अच्छी तरह गर्म पानी एवं साबुन से धो लें । अपना निकला हुआ दूध पिलाने से पहले भी मास्क का इस्तेमाल करें। साथ ही चम्मच को भी अच्छी तरह साफ कर लें।
Posted By: Jagran
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