#NoHairWashChallenge: बाल न धुलकर चैलेंज पूरा कर रहीं महिलाएं और बता रहीं इसके फायदे

कोरोना की मार से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में लोग घरों पर ही वक्त बिता रहे हैं। बाहर न निकलने के कारण उनके पास समय भी बच रहा है। ऐसे में हर दिन सोशल मीडिया पर एक नया चैलेंज मिल जा रहा है। जिसे लोग पूरा कर रहे हैं और अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। इसी चैलेंज में से एक है #NoHairWashChallenge जिसे महिलाएं पूरा कर रही हैं। ये चैलेंज है बालों में शैम्पू-कंडीशनर न लगाने का। दुनियाभर से महिलाएं अपने बालों की तस्वीरें सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल रही हैं। #nohairwash चैलेंज लेने वाली महिलाओं का दावा है, हफ्तों तक शैम्पू न लगाने के बाद भी बालों से न तो दुर्गंध आ रही है और न ही तेल में सने महसूस हो रहे हैं। इन दिनों अभी बाजार बंद हैं, चीजें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं इसलिए सोशल मीडिया पर कुदरती चीजों से बाल धोने के ट्रिक्स और टिप्स शेयर किए जा रहे हैं।

इस तरह से शुरू हुआ चैलेंज इस अजीब से चैलेंज को शुरू करने का श्रेय 57 साल की सुसान्नह कॉन्सेटेन्टिन को है। जिन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले एक महीने से बालों में शैंपू या कंडीशनर का प्रयोग नहीं किया है। वो बालों को धोने के लिए प्राकृतिक तरीकों को इस्तेमाल करना चाहती हैं जैसे अंडा, सिरका। इन सबके इस्तेमाल का बालों पर अच्छा असर हो रहा है।
कई सारे लोग कर रहें फॉलो इस चैलेंज को कई सारी महिलाओं ने स्वीकार किया है और अब वो इसके फायदे-नुकसान बता रही हैं। कई सारी यूजर्स बालों की तस्वीरों को शेयर करते हुए बता रही हैं कि उन्होंने कई दिनों से बालों को शैंपू से नहीं धोया है और वो ज्यादा बेहतर दिख रहे हैं। बालों में शैंपू समय बर्बाद करते हैं और इनमें मौजूद केमिकल बालों को खराब भी करते हैं। इस चैलेंज को पूरा करने वालों में किम कादर्शियां, अडील जैसे सितारे शामिल हैं। ये सारे सितारे बालों को धोने की अवधि बढ़ा रहे हैं।
कुछ के लिए ठीक नहीं ये चैलेंज विशेषज्ञों का मानना है कि जिनके स्कैल्प स्वस्थ है उनके लिए तो ये चैलेंज ठीक है लेकिन लगातार बाल न धोने से डैंड्रफ और एक्जिमा, डर्मेटाइटिस की समस्या जन्म ले सकती है। वहीं सिरका, अंडा और ड्राई शैंपू वगैरह भी बालों की स्कैल्प को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या ये कोरोना से बचने के लिए एक हेयर ड्रेसर का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान हम बालों और स्किन को डिटॉक्स कर रहे हैं। डिटॉक्सिफिकेशन का मतलब शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने का एक तरीका है। कोरोना महामारी के दौरान शैम्पू न करना कितना सुरक्षित है? फिलहाल अब तक ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं, जो साबित करें कि बालों से संक्रमण का खतरा हो।

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