होम क्वारंटाइन में रखे गए दो बेटों के पिता की मौत

आरा। भोजपुर जिले के चरपोखरी में होम क्वारंटाइन में रखे गए दो बेटों के बुजुर्ग पिता की मंगलवार की दोपहर मौत हो गई। चरपोखरी पीएचसी से सदर अस्पताल ,आरा लाए जाने के बाद दम तोड़ दिया। 58 वर्षीय मृतक चरपोखरी का निवासी था। बुजुर्ग पिता को खासी-सर्दी और सांस लेने में परेशानी थी। इस दौरान मेडिकल टीम ने मृतक के मुंह एवं नाक से स्वायब लिया। जिसे जांच को पटना भेजा जाएगा । स्वास्थ्य विभाग की आपदा प्रबंधक सह नोडल पदाधिकारी अर्पणा झा ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सही वास्तविकता का पता चल सकेगा। वैसे वह पहले से भी बीमार चला आ रहा था। इसे लेकर करीब तीन घंटे तक सदर अस्पताल में अफरातफरी मची रही । इस दौरान सिविल सर्जन एलपी झा और अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिन्हा ने भी वहां पहुंच कर हिस्ट्री के बारे में जानकारी ली।

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पिछले महीने हरियाणा से आए थे दोनों बेटे
चरपोखरी निवासी मृतक को कुल पांच पुत्र है। जिसमें दो बेटे हरियाणा के सोनीपत के रेक्सीन फैक्ट्री में काम करते थे। 22 मार्च को श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन से भोजपुर आए थे। बिहिया में ट्रेन से उतरने के बाद बड़े भाई के साथ घर गए थे। बाद में 23 मार्च को दोनों भाइयों को जांच के लिए हित नारायण क्षत्रिया स्कूल सेंटर पर लाया गया था। जिसके बाद डॉक्टर ने दोनों भाइयों को होम क्वारंटाइन की सलाह दी थी।
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रात में अधिक बिगड़ गई थी पिता की तबियत
जिन दो भाइयों को होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई थी उनके पिता जनवरी से ही अस्वस्थ चल रहे थे। आरा के एक प्राईवेट डॉक्टर के पास भी परिजनों ने दिखाया था। इधर, सोमवार की देर रात के बाद शरीर में बेचैनी बढ़ने के बाद परिजन चरपोखरी के ही एक प्राईवेट डॉक्टर के पास ले गए थे। जहां ,स्लाइन चढ़ाया गया था। इसके बाद परिजन लेकर घर आ गए थे। इस बीच मंगलवार की सुबह फिर बेचैनी बढ़ गई। परिजन आनन-फानन में चरपोखरी पीएचसी ले गए। जहां, से डॉक्टर ने सदर अस्पताल, आरा रेफर कर दिया। करीब ग्यारह बजे के आसपास सदर अस्पताल, आरा लाया गया। ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर ने जानकारी लेने के बाद मरीज सूई देने और स्लाइन चढ़ाने का आदेश दिया। ब्लड जांच के लिए भी बोला गया। सूई देने और स्लाइन चढ़ाने के बाद बीमार संदिग्ध की अंतत: मौत हो गई। बाद में जब डॉक्टर ने पूरी हिस्ट्री ली तो पता चला कि उसके दोनों बेटे क्वारंटाइन में रखे गए थे। पिता को खांसी-सर्दी और सांस लेने में परेशानी थी।
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इमरजेंसी वार्ड में शव छोड़कर बाहर निकल गए सारे कर्मी
बेटों को क्वारंटाइन में रखे जाने और उनके पिता की मौत होने से सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में खलबली मच गई। डॉक्टर समेत सारे स्टाफ शव को ओटी में छोड़कर बाहर निकल गए। डॉक्टर ने तुरंत इसकी सूचना सिविल सर्जन समेत अस्पताल अधीक्षक को दी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग का आपदा प्रबंधन हरकत में आ गया। आपदा प्रबंधक अर्पणा झा बेटों से पूछताछ कर पूरी हिस्ट्री ली। बेटों ने बताया कि उसके पिता जनवरी महीने से अस्वस्थ चले आ रहे थे। इमरजेंसी वार्ड में शव पड़े होने तक इलाज का काम पूरी तरह ठप रहा।
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दो दिन पहले जिले से मिला था पहला कोरोना पॉजिटिव
दो दिन पहले रविवार को ही भोजपुर के बड़हरा प्रखंड का एक 25 वर्षीय युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उसकी सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है। पीड़ित उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से आया था। जिसके बाद प्रशासन ने संक्रमित के गांव को सील कर दिया गया है। साथ ही उक्त युवक के परिवार के सभी सदस्यों के अलावा उसके संपर्क में करीब से आने वाले सभी लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। संक्रांति युवक का इलाज पटना में चल रहा है।
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पहले मरे दो संदिग्धों की रिपोर्ट आईं थी निगेटिव
मालूम हो पूर्व में मरे कोरोना के संदिग्ध दो मरीजों की मौत के बाद सोयाब को जांच के लिए पटना भेजा गया था। बाद में दोनों का रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली थी। इसमें एक मरीज आरा के धरहरा और दूसरा बड़हरा के बबुरा गांव का निवासी था। दो अप्रैल को धरहरा और आठ अप्रैल को बबुरा के संदिग्ध की मौत हुई थी।
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मृतक और उसके एक बेटा का लिया गया सैंपल
सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में मौत के बाद मृतक के अलावा साथ आए उसके एक बेटे का सैंपल लिया गया। जबकि, दूसरा बेटा गांव से नहीं आया था। 24 घंटे बाद रिपोर्ट आने की संभावना जतायी जा रही है।
Posted By: Jagran
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