फिल्म निर्माण के दौरान शुरू हुई यौन उत्पीडऩ रोकने की पहल, 'इंटीमेसी सुपरवाइजर' की निगरानी में फिल्माए जाएंगे ऐसे दृश्य

दिवंगत फिरोज खान की खोज सेलीना जेटली बॉलीवुड में वापसी करने जा रही हैं। उन्होंने हाल ही में पत्रकार-लेखक राम कमल मुखर्जी निर्देशित लघु फिल्म 'सीजंस ग्रीटिंग' में काम करना स्वीकार किया है। इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें पहली बार इंटीमेसी सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है, जिसकी निगरानी में ही अन्तरंग दृश्यों का फिल्मांकन किया जाएगा। यदि उस सुपरवाइजर से कोई भी अभिनेता या अभिनेत्री कुछ गलत होने की शिकायत करता है तो उसे फिल्म की शूटिंग को रोकने का अधिकार होगा।

अपनी वापसी के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए इंटीमेसी सुपरवाइजर के बारे में सेलिनी जेटली ने कहा कि यह यौन उत्पीडऩ को रोकने के लिए एक पहल है, ताकि ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके और इसके अलावा भी इस क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। इसके लिए उचित दिशा-निर्देश, विभिन्न परिस्थितियों के अनुसार प्रभावी नियम बनाने की जरूरत है। यौन उत्पीडऩ एक ऐसी हिंसा है जिसे नपुंसकों द्वारा अंजाम दिया जाता है। ऐसे में अंतरंग दृश्यों के पर्यवेक्षक का मुख्य कर्तव्य है कि वह कार्यस्थल पर कड़ी निगरानी रखे, ताकि कोई ऐसी घटना न हो।
अपनी वापसी के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए इंटीमेसी सुपरवाइजर के बारे में सेलिनी जेटली ने कहा कि यह यौन उत्पीडऩ को रोकने के लिए एक पहल है, ताकि ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके और इसके अलावा भी इस क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। इसके लिए उचित दिशा-निर्देश, विभिन्न परिस्थितियों के अनुसार प्रभावी नियम बनाने की जरूरत है। यौन उत्पीडऩ एक ऐसी हिंसा है जिसे नपुंसकों द्वारा अंजाम दिया जाता है। ऐसे में अंतरंग दृश्यों के पर्यवेक्षक का मुख्य कर्तव्य है कि वह कार्यस्थल पर कड़ी निगरानी रखे, ताकि कोई ऐसी घटना न हो।
सेलिना ने कहा, 'हमारी फिल्म सीजन्स ग्रीटिंग्स में निर्देशक राम कमल मुखर्जी ने एक ही समय पर कलात्मकता पर ध्यान देने के साथ ही काम के दौरान सही और गलत क्या है, इस बात का भी बखूबी ध्यान रखा। अंतरंग दृश्यों की शूटिंग के दौरान यौन दुव्र्यवहार का सबसे ज्यादा डर रहता है। अभिनय और दुव्र्यवहार के बीच काफी पतली रेखा होती है। मैं इस बात की शुक्रगुजार हूं कि राम कमल जैसे निर्देशक और अरित्रा जैसे निर्माता इस बॉलीवुड जगत में अभी भी हैं। हमने कार्यस्थल पर यौन दुव्र्यवहार से लडऩे के लिए कम से कम एक नींव डाली है, ताकि इसे पूरी तरह से रोका जा सके। मनीषा घोष ने भी फिल्म के सेट पर निर्देशक और कलाकारों के बीच एक ब्रिज की अहम भूमिका निभाई।'
सेलिना ने कहा, 'हमारी फिल्म सीजन्स ग्रीटिंग्स में निर्देशक राम कमल मुखर्जी ने एक ही समय पर कलात्मकता पर ध्यान देने के साथ ही काम के दौरान सही और गलत क्या है, इस बात का भी बखूबी ध्यान रखा। अंतरंग दृश्यों की शूटिंग के दौरान यौन दुव्र्यवहार का सबसे ज्यादा डर रहता है। अभिनय और दुव्र्यवहार के बीच काफी पतली रेखा होती है। मैं इस बात की शुक्रगुजार हूं कि राम कमल जैसे निर्देशक और अरित्रा जैसे निर्माता इस बॉलीवुड जगत में अभी भी हैं। हमने कार्यस्थल पर यौन दुव्र्यवहार से लडऩे के लिए कम से कम एक नींव डाली है, ताकि इसे पूरी तरह से रोका जा सके। मनीषा घोष ने भी फिल्म के सेट पर निर्देशक और कलाकारों के बीच एक ब्रिज की अहम भूमिका निभाई।'

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