कोरोना वायरस पर सूरज की लाइट का क्या होता हैं असर, जानिए

धूप, गर्मी व नमी से ऐसी मौसमी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जो कोरोना वायरस के लिए अनुकूल नहीं होंगी व वह फैल नहीं पाएगा. ट्रंप प्रशासन के जन स्वास्थ्य ऑफिसर ने यह बात कही है.

अमेरिकी गृह सुरक्षा मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय के वैज्ञानिकों ने हाल में यह शोध किया है. शोध के अनुसार, सूरज की लाइट कोरोना को समाप्त कर सकती है, जबकि गर्म तापमान व नमी वायरस को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इस शोध के परिणाम हिंदुस्तान के लिए कोरोना के विरूद्ध उसकी जंग में खुशखबरी साबित हो सकते हैं.
व्हाइट हाउस में जारी किया गया शोध यह शोध गुरुवार को व्हाइट हाउस में जारी किया गया. गृह सुरक्षा मंत्रालय के अवर मंत्री बिल ब्रायन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में शोध का हवाला देते हुए बताया कि खतरनाक कोरोना वायरस अधिक तापमान व नमी के सम्पर्क में आने से तेजी से मर रहा है. उन्होंने बोला कि सीधी धूप पड़ने से यह वायरस सबसे जल्दी मरता है. आइसोप्रोपाइल अल्कोहल वायरस का 30 सेकेंड में खात्मा कर सकता है. ब्रायन ने बोला कि हम जानते हैं कि गर्मी जैसी स्थितियां ऐसा वातावरण बनाएंगी जहां संक्रमण का प्रसार घट सकता है व यह हमारे लिए आगे बढ़ने का मौका होगा.
35 डिग्री से अधिक तापमान वायरस का ज़िंदगी आधा करता है अध्ययन में बोला गया है कि 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान व नमी, सतहों पर वायरस के जिंदा रहने की अवधि को आधा कर देती है. ब्रायन ने बोला कि जब वायरस धूप के सम्पर्क में आता है व तापमान 75 डिग्री तथा नमी का स्तर 80 डिग्री से ऊपर रहता है, तो यह मिनटों में मर सकता है. इस नवीनतम शोध को शोध वेबसाइटों पर सबसे अधिक डाउनलोड किया जा रहा है. अमेरिकी सरकार ने कोविड-19 पर तापमान के परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों पर पहली बार आधिकारिक मुहर लगाई है.

अन्य समाचार