भगवान जगन्नाथ की 'चंदन जात्रा' आज, अक्षय तृतीया पर पुरी मंदिर परिसर के भीतर ही होगा आयोजन

पुरी : भगवान जगन्नाथ की वार्षिक 'चंदन जात्रा' और 'अक्षय तृतीय' उत्सवों का आयोजन आज ओडिशा के पुरी मंदिर परिसर में ही किया जाएगा. लेकिन कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते सभी अनुष्ठान पुजारी और सेवक ही करेंगे और किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में आने की इजाजत नहीं होगी.

विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ को समर्पित है पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर
मंदिर प्रबंधन बोर्ड के प्रमुख पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देब ने शनिवार को यह जानकारी दी. इन दो उत्सवों को इसलिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि वे ओडिशा की तीर्थ नगरी में प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का आगाज करते हैं. पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ को समर्पित है. देब ने कहा कि अनुष्ठान चुनिंदा पुजारी एवं सेवक करेंगे लेकिन श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के भीतर आने की अनुमति नहीं होगी.
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जगन्नाथ यात्रा 23 जून को आयोजित किए जाने की संभावना
जगन्नाथ यात्रा को तय कार्यक्रम के अनुसार 23 जून को आयोजित किए जाने की संभावना पर देब ने कहा कि इस संबंध में फैसला तीन मई के बाद लिया जाएगा. राष्ट्रव्यापी बंद की बढ़ाई गई अवधि तीन मई को समाप्त होनी है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस साल रथ यात्रा के आयोजन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को चर्चा की थी.
अक्षय तृतीया जो कि वार्षिक यात्रा के लिए रथ के निर्माण की शुरुआत की घोषणा करती है, उसका आयोजन मंदिर के बाहर 'रथ कला' में होता है जबकि चंदन जात्रा पुरी में एक सरोवर में आयोजित होती है. देब ने बताया कि मंदिर परिसर के भीतर उत्सवों के आयोजन का कि फैसला गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के साथ मंदिर की प्रबंध समिति की शुक्रवार रात हुई बैठक में लिया गया.
मंदिर परिसर से बाहर कोई भी गतिविधि नहीं होगी
देब ने बताया कि गुरुजी (शंकराचार्य) की सलाह पर, यह तय किया गया है कि अक्षय तृतीया और चंदन जात्रा दोनों का आयोजन मंदिर के परिसर में ही किया जाएगा. गुरुजी ने कहा कि मंदिर की परंपरा को बरकरार रखना होगा और सदियों पुराने अनुष्ठानों को रोका नहीं जा सकता. गजपति महाराज ने पूर्व में कहा था कि मंदिर प्रशासन बंद के मद्देनजर मंदिर परिसर से बाहर कोई भी गतिविधि नहीं करेगा.

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