गठिया और आर्थराइटिस के दर्द को दूर करेंगे ये खास योगासन, नियमित करें अभ्यास

आज के समय में इंसान की जिंदगी इतनी तेज और रफ्तार वाली हो चुकी है कि वह अपने खान-पान से लेकर शारीरिक गतिविधियों पर उचित ध्यान नहीं दे पा रहा है। इस वजह से वह स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से परेशान है। गठिया भी इन्ही परेशानियों में से एक है। गठिया या आर्थराइटिस हड्डियों के जोड़ों की बीमारी है। ऑफिस में लगातार बैठकर काम करना या ज्यादा देर तक बैठे रहने के कारण जोड़ों में जकडन होने से भी यह रोग होता है। इसके दर्द की वजह से लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये बीमारियां किसी का उम्र नहीं देखती हैं। लेकिन योगा के कुछ आसनों का अभ्यास कर आप गठिया के दर्द से राहत पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में...

मत्स्यासन मत्स्यासन के अभ्यास से गठिया के रोगी को बहुत लाभ मिलता है। इस आसन से पेट की सभी मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है। इस आसन के करने से पेट में गैस और कब्ज की समस्या भी नहीं होती है। इसे करने के लिए दण्डासन में बैठकर दाएं पैर को बाएं पैर पर रखकर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। अब अपने हाथों का सहारा लेते हुए पीछे की ओर अपनी कोहनियां टिकाकर लेट जाएं। पीठ और छाती ऊपर की ओर उठी तथा घुटने भूमि पर टिकाकर रखें। अब अपने हाथों से पैर के अंगूठे पकड़ें। ध्यान रखें आपकी कोहनी जमीन से लगी होनी चाहिए।
प्राणायाम प्राणायाम करने के लिए किसी समतल जगह पर चटाई बिछाकर पालथी मारकर बैठ जाएं। अब बाएं नाक को दबाकर दाहिने नाक से सांस को अंदर करके दोनों नाकों से सांस को बाहर निकालें। गठिया के मरीजों को प्राणायम करने से बहुत ही राहत मिलती है। सुबह-सुबह साधारण प्राणायम करने से इस रोग से होने वाले दर्द में आपको राहत मिलेगी।
गोमुखासन गोमुखासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं। इसके बाद अपने बाएं पैर की एड़ी को उठाकर दाएं पैर के कूल्हे के पास रख दें। इसके बाद अपने दाएं पैर को बाएं पैर के ऊपर रख दें। अब अपने दाएं हाथ को पीठ के पीछ लें जाएं और अपने बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए दाएं हाथ से मिला लें। आप इस अवस्था में करीब 2-3 मिनट तक रह सकते हैं।

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