अमेरिका और चीन जैसे देश भी रहे इसे ठीक करने में नाकाम, कोरोना वायरस के बाद अब खुद ही...

इंटरनेट डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण से पहले दुनिया के सभी बड़े देश पृथ्वी के बाहरी वातावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ओजोन परत पर बने सबसे बड़े छेद को लेकर चिंतित थे। सभी चाहते कि यह छेद किसी प्रकार से बंद हो जाए। इसके लिए दुनिया के देश अपनी ओर से प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल रही थी।


अब ओजोन परत को लेकर चौंकाने वाली खबर आई है। इसके अनुसार ओजोन परत का ये छेद खुद ही ठीक हो गया है। वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि है कि आर्कटिक के ऊपर बना दस लाख वर्ग किलोमीटर की परिधि वाला छेद बंद हो गया है। इस संबंध में वैज्ञानिकों को इसी माह की शुरुआत में पता चला था।

यूरोपीय आयोग की ओर से लागू किए गए कॉपरनिकस एटमॉसफेयर मॉनिटरिंग सर्विस और कॉपरनिकस चेंज सर्विस ने इस छेद के बंद होने की पुष्टि की है। वैज्ञानिकों ने ओजोन परत के ठीक होने के पीछे पोलर वर्टेक्स को प्रमुख कारण माना है। यह ध्रुवीय क्षेत्रों में ठंडी हवा लाता है। इस साल का पोलर वर्टेक्स काफी शक्तिशाली होने के कारण ओजोन परत का ये छेद बंद हुआ है। हालांकि वैज्ञानिकों ने माना कि कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

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