शिक्षकों की मौत के लिए सरकार जवाबदेह

पूर्णिया। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर प्रारंभिक शिक्षकों का हड़ताल जारी है। समन्वय समिति के जिला संयोजक पवन कुमार जायसवाल ने कहा है कि जिले के सभी नियोजित शिक्षक 67 वें दिन भी हड़ताल पर बने हुए हैं। शिक्षकों को कार्यावधि का भी वेतन भुगतान नहीं किया गया है। जिससे शिक्षक आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। शिक्षकों की मौत के लिए सरकार पूरी तरह से जवाबदेह है।

इस कोरोना संकट के दौरान समन्वय समिति की ओर से वार्ता के लिए पहल करने बावजूद सरकार वार्ता नहीं कर रही है। ऐसे महामारी के समय शिक्षकों का कार्यावधि का वेतन भी रोक दिया गया है। जिस कारण शिक्षकों को भयंकर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दमनात्मक कार्रवाई एवं वेतन नहीं मिलने से शिक्षक मानसिक तनाव में हैं। इस हड़ताल के दौरान सूबे में दर्जनों शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है। गुरूवार प्रात: केनगर के प्रखंड शिक्षक शमीम अख्तर की मौत ह्दय गति रूक जाने से हो गई। वे हड़ताल के कारण मानसिक तनाव में थे। जिला प्रारंभिक शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष घनानंद मंडल, जिला प्रधान सचिव अबरार आलम, उपाध्यक्ष गणेश यादव, मीडिया प्रभारी दीपक सिंह भदौरिया आदि ने कहा कि सरकार अविलंब वार्ता कर इस हड़ताल को समाप्त करवाएं, ताकि शिक्षकों के मौत का यह सिलसिला रुक सके। जब तक सम्मानजनक वार्ता नहीं हो जाती है, हड़ताल अनवरत जारी रहेगा।
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Posted By: Jagran
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