भारत में पिछले साल 50 लाख लोग चक्रवात और बाढ़ के कारण विस्थापित, दुनिया में सबसे अधिक, जानिए दूसरे और तीसरे पर कौन देश

कोच्चिः भारत में पिछले साल 50 लाख लोग चक्रवात और बाढ़ सहित विभिन्न आपदाओं के कारण विस्थापित हुए थे। यह संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है।

आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (आईडीएमसी) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है। रिपोर्ट के अनपुसार दक्षिण एशिया में 2019 में आपदाओं के कारण 95 लाख विस्थापित हुए। यह संख्या 2012 के बाद सबसे ज्यादा है। इतनी बड़ी संख्या में विस्थापन के कारणों में भारत और बांग्लादेश में मानसून के कारण आई बाढ़ व फोनी और बुलबुल जैसे चक्रवात भी थे जिनकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा।
जिनेवा स्थित केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 50,37,000 लोग विस्थापित हुए जबकि बांग्लादेश में ऐसे लोगों की संख्या 40,86,520 रही। अफगानिस्तान में 5,78,000 लोग विस्थापित हुए जबकि नेपाल में 1,21,000 और पाकिस्तान में 1,16,000 लोग विस्थापित हुए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि "संघर्ष और हिंसा" के कारण पिछले साल देश में लगभग 19,000 लोग विस्थापित हुए। इसमें कहा गया है कि मुख्य रूप से त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में पहली छमाही में राजनीतिक और चुनावी हिंसा के कारण 7,600 से अधिक लोग विस्थापित हुए।
देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 937 हुई, कुल मामले 29,974 : स्वास्थ्य मंत्रालय
देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 937 हो गई और संक्रमितों की तादाद 29,974 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण से 51 लोगों की मौत हुयी है और संक्रमण के 1,594 नये मामले सामने आये हैं। देश में अब तक 7,026 मरीज ठीक हो चुके हैं और 22,010 मरीजों का अभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
संक्रमितों में विदेशियों की संख्या 111 है। मंत्रालय के अनुसार संक्रमित लोगों में से 23.44 प्रतिशत लोग स्वस्थ हुये हैं। एक व्यक्ति विदेश चला गया था। सोमवार शाम से अब तक कुल 51 मरीजों की जान गई है जिनमें से 27 की मौत महाराष्ट्र में, 11 की गुजरात में, चार की मध्य प्रदेश में, पांच की राजस्थान में और एक की मौत जम्मू- कश्मीर में हुई। देश में कोविड-19 से हुई 937 मौतों में से सबसे ज्यादा 369 लोगों की जान महाराष्ट्र में गई है। इसके बाद गुजरात में 162, मध्य प्रदेश में 113, दिल्ली में 54, राजस्थान में 46, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 31-31 मरीजों की मौत हुई है। तेलंगाना में 26 लोगों की मृत्यु हुई है। तमिलनाडु में 24 तो पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में 20-20 मरीजों ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है।
बीमारी से पंजाब में 18, जम्मू कश्मीर में सात, केरल में चार और झारखंड तथा हरियाणा में तीन-तीन लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में दो मरीजों ने दम तोड़ा है जबकि मेघालय, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक मरीज की मौत हुई है। हालांकि संक्रमण के बारे में राज्य सरकारों के आंकड़ों पर आधारित पीटीआई-भाषा की सूची के मुताबिक मंगलवार को देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 29,993 और इससे मरने वालों की संख्या 945 हो गयी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों के आंकड़ों में प्रक्रियागत कारणों से अंतर बना हुआ है। मंत्रालय के मंगलवार की शाम को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा पुष्ट मामले महाराष्ट्र में हैं जहां 8,590 लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं। इसके बाद गुजरात में 3,548, दिल्ली में 3,108, मध्य प्रदेश में 2,368, राजस्थान में 2,262, उत्तर प्रदेश में 2,043 और तमिलनाडु में 1,937 लोग संक्रमित हैं। आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के मामलों की संख्या 1,259 और तेलंगाना में 1,004 हो गई है।
पश्चिम बंगाल में मामलों की संख्या 697, जम्मू-कश्मीर में 546, कर्नाटक में 520, केरल में 482, बिहार में 346 और पंजाब में 313 हो गई है। हरियाणा में कोरोना वायरस के 296 मामले सामने आए हैं, जबकि ओडिशा में 118 मामले हैं। झारखंड में 103 और उत्तराखंड में 51 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में 40-40 मामले हैं तो असम में 38 और छत्तीसगढ़ में 37 मामले हैं। अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में 33 मामले हैं जबकि लद्दाख में इस संक्रमण ने 22 लोगों को अपनी चपेट में लिया है। मेघालय में 12 और पुडुचेरी में आठ मामले हैं जबकि गोवा में कोविड -19 के सात मामले सामने आए हैं। मणिपुर और त्रिपुरा में दो-दो मामले हैं जबकि मिजोरम तथा अरुणाचल प्रदेश में एक-एक मामला है।

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