प्रवासियों को घर लाने के लिए सरकार उठाए ठोस कदम : राजद

फोटो- 28 केएसएन 46

संवाद सूत्र, ठाकुरगंज(किशनगंज) : कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम को लेकर लॉकडाउन किए जाने से दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों में फंसे बिहारियों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। जहां-तहां फंसे प्रवासी पैसा बचत करने व बड़े शहरों में किराया महंगा होने के कारण एक ही कमरे में 18 से 20 के संख्या में भूखे प्यासे दयनीय हालत में हैं। अगर राज्य सरकार इन विवश श्रमिकों को घर लाने का कोई रास्ता नहीं निकालती है तो संबंधित के परिवार वालों की स्थिति काफी बदतर हो जाएगी। डाकबंगला परिसर में मंगलवार को प्रेस वार्ता कर पूर्व प्रमुख सह राजद के प्रदेश महासचिव मुस्ताक आलम ने कहा कि इसपर राज्य सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाना चाहिए।
स्वास्थ्य बीमा को लेकर बढ़ रही जागरुकता यह भी पढ़ें
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से रोजगार के सभी रास्ते बंद हो गए हैं, जिस कारण विभिन्न शहरों में फंसे प्रवासी दाने-दाने को मोहताज हैं। राज्य सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर अविलंब पहल किय जाना चाहिए। श्रमिकों को गृह जिले तक लाकर पहले क्वारंटाइन कर जांच कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा ऐसी पहल की जाती है तो हम सभी संपन्न लोग भी श्रमिकों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने को तैयार हैं। मैं स्वयं भी निजी मद से एक लाख रुपये का योगदान करूंगा।उन्होंने कहा कि कोसी सीमांचल में गंभीर रूप से बीमार लोगों को सीमावर्ती बंगाल जाने से रोका जा रहा है। खासकर पूर्णिया, अररिया, किशनगंज जिले के गंभीर रोग से ग्रसित रोगी इलाज के लिए बंगाल के सिलीगुड़ी के निजी नर्सिंग होम पर निर्भर हैं। उन्होंने जिला प्रशासन व राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस पर अविलंब आवश्यक पहल किया जाना चाहिए।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार