सीमावर्ती क्षेत्र में सड़क का विरोध, बागमती की धार में फंसने का खतरा

सीतामढ़ी। सीमावर्ती क्षेत्र में टू लेन सड़क निर्माण शुरू हुआ तो उससे प्रभावित होने वालों का विरोध भी सामने आ रहा है। लोग कह रहे हैं कि सड़क बनी तो आधा दर्जन गांव बागमती की पेटी में घिर जाएंगे। रघुनाथपुर, रुसलपुर, सिजुआ, बेलवा पडरी के साथ सुप्पी प्रखंड के जमला, परसा गांव में सड़क का निर्माण शुरू हुआ है। ये गांव बागमती की धार में पड़ते हैं। मंगलवार को इन गांवों के लोग इकट्ठे होकर आंदोलन करने पर उतारु हो गए। लॉकडाउन का उल्लंघन न हो इसके चलते सभी लोग लौट गए। स्थानीय मुखिया सह जदयू के जिला उपाध्यक्ष चंदेश्वर नारायण सिंह ने कहा कि सड़क बनने के बाद अंदर के सभी गांव बागमती की पेटी में घिरे रह जाएंगे। बाढ़ के समय बागमती के बहाव-कटाव से इन गांवों पर खतरा मंडराने लगेगा। उन्होंने कहा की बागमती तट को पकड़ती हुई नेपाल के करमहियां में डैम का निर्माण हो रहा है, जो इस सड़क से करीब चार किमी की दूरी पर है। अगर उस लेन को पकड़कर इस सड़क का निर्माण कराया जाए तो बाढ़ से बचा जा सकता है। दूसरा विकल्प यह होगा कि गत वर्ष आई बाढ़ में जहां-जहां बांध टूटे थे वहां - वहां पुल का निर्माण हो जाए तो नदी के तटबंध पर दबाव नहीं पड़ेगा तथा पानी चारों तरफ फैल भी जाएगा। जिससे उन सभी गांव के लोग बच सकेंगे।

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Posted By: Jagran
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