चिकित्सक व कर्मियों की कमी से जूझ रहा पशुपालन विभाग

सरकार की ओर से पशुओं की चिकित्सा को लेकर पशुपालन विभाग के अस्पतालों में समुचित व्यवस्था की गई है। पशुपालन विभाग के माध्यम से पशुपालकों को जागरूक भी किया जा रहा है और पशुओं में होने वाली बीमारी से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं। इसके लिए प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग की ओर से पशुओं को बीमारी से बचाव के लिए निशुल्क टीकाकरण का कार्य भी किया जा रहा है। खासकर गरीब पशुपालकों को टीकाकरण का शत-प्रतिशत लाभ मिल रहा है। साथ ही विभाग की ओर से पशुपालकों को पशुओं के इलाज से संबंधित सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान का भी लाभ दिया जा रहा है। लेकिन, जिला पशुपालन विभाग में चिकित्सक व कर्मियों की काफी कमी है। इसके कारण विभाग कार्याें को ससमय निपटाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


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100 फीसद हुआ मुंहपका-खुरपका टीकाकरण
- जिला पशुपालन पदाधिकारी तरुण कुमार उपाध्याय ने बताया कि वर्ष 2019-2020 में मुंहपका-खुरहपका बीमारी से बचाव को लेकर 3 लाख 75 हजार का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। विभाग अधिकारी व कर्मियों की बदौलत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। इसके अलावा विभागीय कार्यों को ससमय पूरा किया जा रहा है।
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38 पशु अस्पताल का हो रहा संचालन
- जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक कुल 38 पशुपालन अस्पताल है। विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में चिकित्सक व कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
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37 की जगह 25 चिकित्सक हैं कार्यरत
- जिला पशुपालन विभाग में चिकित्सकों का कुल 37 पद स्वीकृत है। जिसमें मात्र 25 चिकित्सक कार्यरत हैं। चिकित्सकों की कमी के कारण कई चिकित्सकों को दो-तीन जगह का प्रभार सौंप दिया गया है। इसके कारण चिकित्सक सप्ताह में एक-दो दिन अस्पताल में समय में देते हैं। इसके कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहा है और पशुपालकों पशुओं का इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
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55 की जगह 23 चतुर्थ वर्गीय कर्मी हैं कार्यरत
- जिला पशुपालन विभाग में चतुर्थ वर्गीय कर्मियों का कुल 55 पद स्वीकृत है। इसकी जगह पर मात्र 23 कर्मी कार्यरत हैं और 32 पद कई साल से रिक्त पड़ा है। मात्र 23 कर्मियों के सहारे पशुपालन विभाग का कामकाज चल रहा है। वहीं, पशुधन सहायक के लिए कुल 19 पद स्वीकृत है। जिसमें 9 पशुधन सहायक कार्यरत है और 10 पद कई साल से रिक्त है। कर्मियों की कमी के कारण विभागीय कार्यों को निपटाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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कहते हैं अधिकारी
विभाग में चिकित्सक व कर्मियों की काफी कमी है। विभाग के उच्च अधिकारी को अवगत कराया गया है।
तरुण कुमार उपाध्याय, जिला पशुपालन पदाधिकारी नवादा।
Posted By: Jagran
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