अररिया। कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन से वाहनों का परिचालन बंद है। इसका सीधा असर सड़क दुर्घटनाओं पर पड़ा है। सड़क दुर्घटना में करीब 60 फीसदी कमी आई है। जानकारों की माने तो लॉक डाउन से पहले जिले के विभिन्न प्रखंडों में हर तीसरे दिन सड़क दुर्घटना में मौतें या गंभीर रूप से गायल होते थे। लॉकडाउन से पहले एक माह के दौरान आधा दर्जन से अधिक लोगों की जाने गई थी। सबसे अधिक अररिया प्रखंड के गैयारी, करियात, महादेव चौक, रानीगंज के भरगामा मोर, हंसा, नरपत गंज, प्लासी, जोकीहाट मार्गों पर हादसे की खबर आती रही थी। परंतु जब से लॉकडाउन लगा है तबसे आंकड़े की संख्या बहुत कम हो गई है। 22 मार्च के बाद केवल दो व्यक्ति की मौत की और 39 लोग घायल हुए हैं। मार्च महीने अस्पताल पहुंचे घायल अस्पताल सूत्रों के अनुसार 22 मार्च से पहले केवल मार्च महीने में अलग अलग स्थानों हुई सड़क दुर्घटना में 72 रोगी गंभीर रूप से घायल होकर सदर अस्पताल इलाज कराने पहुंचे थे। इसके अलावा मौत के आंकड़े अलग हैं। अधिकांश घायलों की स्थिति गंभीर होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया गया था। जबकि लॉकडाउन लागू होने के बाद से अभीतक सड़क दुर्घटना में घायल केवल 35 रोगी उपचार कराने सदर अस्पताल आएं। जिसमें अधिकांश का उपचार कराकर अपने घर भेज दिया गया ।
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आधे दर्जन से अधिक की गाई जान
जानकारी के अनुसार लॉकडाउन से पहले मार्च महीने में अररिया-पूर्णिया नेशनल हाइवे पर कुसियार गांव के समीप सड़क दुर्घटना में एक ही गांव के तीन लोगों की मौत हो गई थी। उसके कुछ ही दिनों के अंतराल पर अररिया बस स्टैंड के समीप एक भारी वाहन के चपेट में आने से बाइकसवार युवक की जान गई थी। फरवरी माह के अंत मे महादेव चौक के समीप कार बाइक के टक्कर में युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसप्रकार 16 मार्च को रानीगंज अररिया मार्ग कमलपुर के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आने से 12 वर्षीय एक बच्ची की मौत हो गयी थी और बच्ची की मां गंभीर रूप से घायल हो गई थी। मृतक बच्ची पचीरा पंचायत के वार्ड संख्या 14 निवासी संतोष झा की 12 वर्षीय पुत्री आशु कुमारी थी। 23 मार्च अररिया रानीगंज मार्ग कमलपुर चौक के समीप एक ऑटो पलटने से मोहम्मद वासिल हक की मौत हो गई थी। वासिल हक महिचन्दा गांव के जामा मस्जिद का इमाम था। एक महिला गंभीर से घायल हो गई थी। मार्च महीने में ही रानीगंज में दो अलग अलग हादसे में दो लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावे नरपतगंज, फारबिसगंज, जोकीहाट मार्गों पर कई दिल दहलाने वाले हादसे सामने आया था।
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कोट-
लॉकडाउन के बाद सड़क दुर्घटना में जबरदस्त कमी आई है। लॉकडाउन से पहले की तुलना में सड़क हादसे में घायल की संख्या बहुत कम हो गई है।
विकास आनंद, स्वास्थ्य प्रबंधक, सदर अस्पताल अररिया
Posted By: Jagran
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