लोगो में बढ़ता मानसिक बीमारियों का खतरा, आप इन लक्षणों को पहचान कर करें उपचार

जयपुर।विश्व में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लोगो में मानसिक तनाव की समस्या बढ़ती देखी जा रही है।लोगो में इस बात का भय बना हुआ है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कब रूकेंगा और अभी और कितना बढ़ेगा।मानसिक तौर पर तनाव बढ़ने से पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर की समस्या लोगो का अपना शिकार बना सकती है।क्योंकि इस बीमारी में व्यक्ति महीनों तक गहरी उदासी में डूबा रहता है और उसके लिए सदमे से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

जो कि आज के समय में बढ़ते लॉकडाउन और कोरोना वायरस के कारण लोगो में अधिक देखा जा रहा है।हालांकि पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर की बीमारी युद्ध और दंगाग्रस्त क्षेत्र के लोगो में अधिक पाई जाती है, जो कि किसी हिसंक घटना का शिकार होते है।
इस बीमारी के लक्षण नींद में ड़रना और सपनें में रोना।इसके अलावा दुर्घटना के अनुभवों को हर पल याद रखना, भूख, प्यास और नींद की कमी होना और मन में अजीब भय का बना रहना दिखाई देता है।
पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर की बीमारी से बचने के शारीरिक और मानसिकत तनाव को कम करना बेहद आवश्यक होता है और इसके इलाज के लिए साइकोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।भूख,प्यास की कमी के कारण ऐसे मरीजों को कुछ दवाई भी दी जाती है, ताकि शरीर की भूख को बढ़ाया जा सकें।
सपोर्टिव टॉक थेरेपी यानि सकारात्मक बातचीत के जरिए मरीज का मनोबल बढ़ाया जाता है और तनाव कम करने वाली एक्सरसाइज द्वारा पीड़ित व्यक्ति को मेंटल ट्रॉमा से बाहर निकालने की कोशिश की जाती है।शारीरिक तनाव को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लेना भी आवश्यक है।

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