क्रिकेट इतिहास के बेवकूफी भरे 5 डीआरएस फैसले, कप्तान विराट का नाम भी लिस्ट में शामिल

क्रिकेट मुकाबलों में डीआरएस का काफी महत्व होता है. सीमित ओवर क्रिकेट में बल्लेबाजी व गेंदबाजी कर रही दोनों ही टीमों के पास एक-एक और टेस्ट में 2-2 डीआरएस का इस्तेमाल करके अंपायर द्वारा लिए गए फैसले का रिव्यू कर सकते हैं और डीआरएस का फुल फॉर्म डिसीजन रिव्यू सिस्टम होता है.

मगर कई बार आपने क्रिकेट मैचों के दौरान देखा होगा कि कप्तान सही डीआरएस लेता है तो वहीं कभी-कभी गलत डीआरएस का फैसला लेकर रिव्यू बर्बाद कर देते हैं, इतना ही नहीं कभी-कभी तो कप्तान द्वारा लिया गया डीआरएस मजाक भी बन जाता है.
तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 5 डीआरएस के बारे में बताते हैं जिन्हें क्रिकेट इतिहास में सबसे खराब साबित हुए.
क्रिकेट इतिहास के 5 सबसे खराब डीआरएस फैसले
1- सौम्य सरकार

बांग्लादेश व श्रीलंका के बीच गाले में खेला गए मुकाबले में बांग्लादेश क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज सौम्य सरकार ने कुछ ऐसा किया कि हर कोई आज भी उस वाक्ये को याद करता है. असल में बांग्लादेशी ओपनर सरकार पूरे कॉन्फिडेंस से बल्लेबाजी कर रहे थे.
क्योंकि विपक्षी श्रीलंका की टीम ने बांग्लादेश को 457 रन का टार्गेट दिया था. मगर सौम्य ने 48 गेंदों पर 53 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे, तभी असेला गुणारत्ने की एक स्लोवर गेंद उनके स्टंप को उखाड़ते हुए गई.
इसपर अंपायर ने सीधे आउट दिया. लेकिन सौम्य सरकार ने सोचा कि उन्हें कैच आउट दिया गया है और उसने डीआरएस लेने का फैसला किया. डीआरएस लेते वक्त सरकार को नहीं पता था कि उनका विकेट उखड़ चुका है और विपक्षी टीम विकेट सेलिब्रेट कर रही थी.
डीआरएस में साफ देखा गया कि सरकार का विकेट गया है. इसके बाद सरकार पवेलियन की तरफ रवाना हुए. मगर इस वाक्ये को क्रिकेट इतिहास में सबसे फनी डीआरएस के तौर पर याद किया जाता है.
2- विराट कोहली

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान मौजूदा वक्त में एक शानदार बल्लेबाज होने के साथ-साथ शानदार कप्तान भी हैं. मगर विराट अपने डीआरएस फैसलों के लिए काफी सुर्खियों में रहते हैं. वैसे तो जब तक मैदान पर धोनी रहते हैं तब तक कोहली माही से डीआरएस में मदद लेते हैं.
मगर वैसे कोहली के डीआरएस फैसले कई बार मजाक बनकर रह जाते हैं. मगर जब इंग्लैंड क्रिकेट टीम 2016 में भारत दौरे पर आई थी, तब विराट ने एक अजीब सा डीआरएस फैसला लिया था.
राजकोट टेस्ट में इंग्लिश बल्लेबाज एलिस्टर कुक शतक बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे. भारत काफी मुश्किल स्थिति में था और तभी उमेश यादव ने एक रफ्तार भरी गेंद फेंकी और गेंद विकेटकीपर-बल्लेबाज रिद्धीमान साहा के दस्तानों में पहुंच गई. तब उमेश की अपील के बाद विराट ने लगभग डिस्कशन करके डीआरएस का फैसला लिया.
मगर डीआरएस में देखा गया कि गेंद व बल्ले के बीच काफी अधिक फासला था और अंपायर का फैसला बरकरार रहा और टीम इंडिया ने अपना डीआरएस गंवा दिया. इसके बाद विराट के इस डीआरएस को लेकर काफी आलोचना भी हुई थी.
3- केन विलियिमसन

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के कप्तान केन विलियमसन ने भले ही अपनी टीम को एक भी बड़ा खिताब ना जिताया हो, मगर खिलाड़ी एक शानदार बल्लेबाज होने के साथ-साथ बेहतरीन कप्तान भी है. मगर विलियमसन और डीआरएस का मानो 36 का आंकड़ा रहता है.
असल में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ हेमिल्टन में खेले जा रहे टेस्ट मैच के दौरान कप्तान द्वारा बेहद खराब डीआरएस फैसला देखा गया. मैट हैनरी की एक गेंद पर केन विलियनसन ने अंपायर से विकेट की जोरदार अपील की क्योंकि उनको लगा कि ग्लव्स पर लग कर गई है, मगर अंपायर ने नॉट आउट करार दिया.
इसके बाद बिना वक्त गंवाए विलियमसन ने डीआरएस लिया. इसमें देखा गया कि गेंद अली के ग्लव्स से काफी दूर थी. इसके बाद विलियमसन की टीम ने डीआरएस गंवा दिया.
4- मिस्बाह उल हक

2016 में ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर पाकिस्तान की टीम टेस्ट सीरीज खेलने पहुंची थी. सीरीज का पहला टेस्ट मैच मेलबर्न में खेला गया था, जो कि ऑस्ट्रेलिया के लिए बहुत खास था क्योंकि ये बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच था. जहां पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने 443 रन बनाए.
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और मैट हैनरी पारी का आगाज करने उतरे. वहीं दूसरी छोर पर गेंद पाकिस्तान के मंझे हुए तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के हाथों में थी. घातक गेंदबाजी करते हुए आमिर ने पांचवे ओवर के दौरान वॉर्नर को बीट किया.
उनको लगा कि गेंद वॉर्नर के बल्ले का किनारा छूते हुए सरफराज अहमद के हाथों में पहुंची है. बिना सोचे-समझे सरफराज व बाकी खिलाड़ियों ने जोरदार अपील की, उसी समय मैच में कमेंट्री कर रहे कमेंटेटर ने कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि गेंद वॉर्नर के बल्ले को नहीं लगी है और ह साफ तौर पर नॉटआउट हैं. मगर सरफराज व स्लिप के खिलाड़ियों ने कप्तान मिस्बाह उल हक को रिव्यू लेने के लिए मजबूर किया.
परिणामस्वरूप मिस्बाह ने रिव्यू लिया और उसमें देखा गया कि गेंद वॉर्नर के बल्ले से काफी दूर थी. मिस्बाह के इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने अपना एक रिव्यू गंवा दिया.
5- मुशफिकुर रहीम

बांग्लादेश क्रिकेट टीम और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच 2017 में टेस्ट सीरीज खेली गई. हैदराबाद में खेले गए मैच में विराट कोहली शानदार बल्लेबाज कर रहे थे और बांग्लादेश के सितारे गर्दिश में नजर आ रहे थे. तभी तइजुल इस्लाम ने एक नॉर्मल डिलिवरी कि और कोहली ने सामने वाले पैर की तरफ से गेंद को बल्ले की मदद से खेला.
गेंदबाज इस्लाम के बजाए कप्तान मुशफिकुर रहीम को लगा कि बॉल विराट के पैट से लगकर गई है और उन्होंने अपील की. जब अंपायर ने कोहली को आउट नहीं दिया तो रहीम ने विकेट लेने के लिए डीआरएस का इस्तेमाल किया.
इस दौरान देखा गया कि कोहली मैदान पर मुस्कुराते रहे और शायद वह यही सोच रहे होंगे कि मैंने तो पैर मारा ही नहीं फिर ये रिव्यू किस बात का ले रहे हैं. हालांकि रिव्यू में देखा गया कि गेंद साफ तौर पर बल्ले से लगकर गई थी और कोहली के शरीर का कोई हिस्सा नहीं लगा है और अंपायर ने कोहली को नॉटआउट करार दिया. इसके बाद भी कोहली मुस्कुराते नजर आए.

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